फ़्री प्रेस जर्नल को दिए अपने ताज़ा इंटरव्यू में उन्होंने बॉलीवुड में फ़िल्म निर्माण के उद्देश्यों पर भी टिप्पणी की। इसी दौरान उन्होंने कश्मीर फ़ाइल्स, केरला स्टोरी और गदर-2 जैसी फ़िल्मों का ज़िक्र किया।
अभी तक हम टमाटरों का रोना रो रहे थे। टमाटर 20 से 250 तक चले गए। तड़का कैसे लगेगा, बगैर टमाटर सब्जी बेस्वाद हुई। टमाटर एक डेढ़ महीने में रास्ते पर आ गए।