दो सप्ताह पहले ख़त्म हुए इस लोकप्रिय टीवी शो की रनर अप रहीं सारा टोड ने भारतीय व्यंजनों का ज़ायक़ा बेहद शानदार अंदाज़ में परोसा, इसमें गोवा के तीखे और मसालेदार व्यंजन पोर्क विंदालू भी शामिल था।
मास्टशेफ ऑस्ट्रेलिया, भारत में भी बेहद लोकप्रिय टीवी शो है. इस टीवी प्रतियोगिता में भारतीय मूल के खानसामों की भागीदारी और उनका भारतीय जुड़ाव, इस शो को और भी ज़्यादा लोकप्रिय बना रहा है।
इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि यह भारत में, इसके भारतीय वर्जन से कहीं ज़्यादा देखा जाता है।
इतना ही नहीं सालों से इसमें हिस्सा लेने वाले शेफ भारतीय परंपरागत व्यंजन पेश कर जजों को प्रभावित करते रहे हैं, कई बार ये परंपरागत भारतीय व्यंजन में आधुनिक पश्चिमी शैली का तड़का भी लगाते हैं।
मास्टरशेफ ऑस्ट्रेलिया के पांचवें सीज़न, 2013 में चौथे स्थान पर रहे ऋषि देसाई ने जजों को पालक पनीर बनाकर प्रभावित किया था। इसके बाद से प्रत्येक सीज़न में भारतीय व्यंजनों का तड़का कमोबेश नज़र आया है।
दुनिया के किसी भी कोने में भारतीय व्यंजनों को लोग जानते हैं. लेकिन इस टीवी शो में हिस्सा लेने वाले कुछ शेफों ने भारतीय व्यंजनों की वैरायटी और स्वाद के रेंज को बखूबी पेश किया है।
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सीज़न 11 में हिस्सा ले चुके शेफ संदीप पंडित बताते हैं, "मास्टरशेफ ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया को बताया है कि भारतीय व्यंजनों में बटर चिकन और नान ही मौजूद नहीं हैं, बल्कि कई तरह के व्यंजन मौजूद हैं और उन सबके स्वाद का परिचय कराया है।"
पंडित कहते हैं, "देखिए चाहे वह स्टाइलिश अंदाज़ में छोटे छोटे बर्तनों में पेश किया जाने वाला भोजन हो या फिर दुनिया भर के कुलीन एवं शाही लोगों की रसोई और खाने की मेज़ हो, भारतीय व्यंजन हर मौके के लिए मुफ़ीद हैं।"
सीज़न 13 में हिस्सा ले चुकीं दीपेंदर छिब्बर जब पहली बार भारतीय व्यंजन पेश कर रही थीं तो काफ़ी घबरायी हुई थीं. तड़के वाली लस्सी और कढ़ाई पनीर से जजों को प्रभावित करने वाली 30 साल की दीपेंदर बताती हैं, "घबराने की वजह ये थी कि हम अपने घर के बने व्यंजनों को कमतर आंकते हैं जबकि इनका स्वाद शानदार और सबसे जुदा होता है। लेकिन जजों को मेरा घरेलू भारतीय व्यंजन पसंद आया था।"
दीपेंदर छिब्बर के मुताबिक हमलोग खुद से भारतीय व्यंजनों पर लिमिटेशन थोपते हैं. उन्होंने कहा, "जबकि भारतीय व्यंजनों के स्वाद के साथ काफी कुछ प्रयोग किया जा सकता है।"
भारतीय व्यंजन दुनिया भर में स्थापित हो रहे हैं, इसको लेकर अब कोई शक नहीं होना चाहिए।