नीना गुप्ता ने कभी सोचा ही नहीं था कि एक दिन उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिलेगा। अमिताभ बच्चन के साथ काम करना उनके लिए एक सपने जैसा रहा।
मां से खूब मार पड़ती थी
फिल्म 'गुडबाय' के ट्रेलर में दिखाया गया है कि नीना गुप्ता की मौत के बाद अमिताभ बच्चन और रश्मिका मंदाना के बीच बहस हो जाती है। जेनरेशन गैप के चलते इस तरह की बहस मां बाप और बच्चों के बीच अक्सर देखने को मिलती है। नीना गुप्ता कहती हैं, 'हमारे जमाने में तो मां बाप के सामने बोलती बंद हो जाती थी। अगर कुछ अपने मन की करते थे तो सीधे थप्पड़ पड़ते थे। जब वह स्कूल में पढ़ती थी तो बालों में तेल लगाकर स्कूल जाना जरूरी होता था। लेकिन उन्हीं दिनों लड़कियों के तेल नहीं लगाने का ट्रेंड शुरू कर दिया, इसके चलते मां के हाथों खूब पिटाई होती थी।
बेटी से शेयर किया बचपन का किस्सा
नीना गुप्ता अपनी बेटी मसाबा से बहुत प्यार करती हैं और उससे हर बात शेयर करती रहती हैं। वह कहती हैं, 'मैं अपनी बेटी से कहती हूं कि तुम्हारी मां यानि कि मैं, अपनी मां जैसी बिल्कुल भी नहीं हूं। हमारी तो छोटे छोटे बात को लेकर पिटाई हो जाती थी। लेकिन उस पिटाई में भी एक प्यार और अपनापन था। आज लोग काम के पीछे भागदौड़ में इतने व्यस्त है कि अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं।'
परिवार के साथ मिलती है खुशी
नीना गुप्ता कहती हैं, 'आप कितने भी फेमस हो जाओ, अगर पारिवारिक सुख नहीं है तो सफलता की खुशी कोई मायने नहीं रखती। पहले जब मैं अकेली रहती थी, तब घर पर आने का मन नहीं करता था। आउटडोर शूटिंग पर चली जाती थी, लेकिन अब सोचती हूं कि कितनी जल्दी घर पर पहुंच जाऊं। अब तो आउटडोर शूटिंग पर जाने का मन ही नहीं करता है। मेरी कोशिश यही रहती है कि मुंबई में ही शूटिंग करूं ताकि पैकअप के बाद जल्दी से घर पहुंच सकूं।'
बिग बी के साथ काम करने का ख्याल
नीना गुप्ता से जब यह पूछा गया कि आपको अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के लिए 40 साल तक इंतजार करना पड़ा। नीना गुप्ता कहती हैं, 'मुझे अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का इंतजार था गी नहीं। इंतजार तो उस चीज का होता है। जब हमने उसके बारे में सोचा हो। मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अमिताभ बच्चन के साथ काम करने को मिलेगा। जब मैंने इंडस्ट्री में कदम रखा तो उस समय छोटी मोटी भूमिकाएं निभाई थी। उस समय दूर दूर तक अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के बारे में नहीं सोचा था। अब मौका मिल गया है तो समझ नहीं आता कि इसके बारे में क्या कहूं।'
सोर्स : अमर उजाला