सीएमओ आलोक रंजन ने बताया कि हमारी टीमें अलर्ट मोड पर हैं और उन जगहों का सर्वेक्षण कर रही हैं, जहां डेंगू के मामले पाए जा रहे हैं।
कानपुर शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को एडीएम (सिटी), उनकी पत्नी, एसीएम सहित 36 लोगों को डेंगू होने का पता चला। डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है। उधर, हैलट ओपीडी के मेडिसिन विभाग में पहुंचे मरीजों में से 60 फीसदी से ज्यादा बुखार के थे।
इनमें ज्यादातर में डेंगू जैसे लक्षण थे। डॉक्टरों ने मच्छरों से बचाव पर जोर दिया है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और उर्सला की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार नए मिले 36 मरीजों में 10 मरीज 16 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। उर्सला में 69 मरीजों की जांच की गई थी, जिसमें से 27 में डेंगू की पुष्टि हुई।
मेडिकल कॉलेज में हुई जांच में नौ मरीज मिले। सीएमओ आलोक रंजन के अनुसार मरीजों का इलाज, उनके घरों और उनके आसपास एंटी लार्वा का छिड़काव कराने के साथ ही फॉगिंग कराई जा रही है। वहीं, हैलट ओपीडी के मेडिसिन विभाग में सुबह से ही मरीजों की भीड़ रही।
इस विभाग की ओपीडी में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. सौरभ अग्रवाल और डॉ. एसके गौतम ने बताया कि 60 फीसदी से ज्यादा मरीज बुखार के आए हैं। ज्यादातर में डेंगू के लक्षण भी नजर आ रहे हैं।
उन्होंने बताया है कि शहर में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। हमारी टीमें अलर्ट मोड पर हैं और उन जगहों का सर्वेक्षण कर रही हैं, जहां डेंगू के मामले पाए जा रहे हैं। साथ ही, नमूने एकत्र किए जा रहे हैं और उन्हें प्रयोगशालाओं में भेजा जा रहा है।
डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब यह नहीं कहा जा सकता कि किसी विशेष क्षेत्र से ही मरीज आ रहे हैं, बल्कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में टाइगर मच्छर (एडीज मच्छर) की संख्या और सक्रियता बढ़ गई है।
शुक्रवार को 50 से ज्यादा मरीजों को मेडिकल कॉलेज में डेंगू की जांच के लिए भेजा गया। हैलट के वार्ड नंबर-10 को डेंगू वार्ड बनाया गया है। 30 बेड के इस वार्ड के बेडों में मच्छरदानियां लगाई गई हैं। शुक्रवार को इस वार्ड में डेंगू सहित बुखार के 26 मरीज भर्ती थे। सिर्फ चार बेड खाली हैं।
लिवर पर असर कर रहा डेंगू
डॉ. एसके गौतम ने बताया कि डेंगू लिवर को भी प्रभावित कर रहा है। शुक्रवार को आए डेंगू जैसे लक्षणों वाले मरीजों में से कई ने पेट में दर्द, उल्टियां होने, पीली पेशाब होने की भी शिकायत की। मरीजों की प्लेटलेट्स भी घट रही हैं।