परिजात जिसे इंग्लिश में जैसमीन (jasmine) के नाम से जाना जाता है, इसकी खुशबू दिमाग को तरोताजा कर देती है। यह फूल रात में पूरी तरह खिलता है जिसके कारण इसे रात की रानी भी कहते हैं। यह फूल बगीचे को सुंदर और सुगंधित बनाने के साथ आपको कई औषधिय लाभ भी पहुंचाता है।
इस फूल की पत्ती और छाल कई बीमारियों के इलाज में आयुर्वेद में लाया जाता है जिसमें डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया शामिल है। आज हम आपको यहां पर इसका काढ़ा कैसे बनाना है।
फूल का काढ़ा कैसे बनाएं
सामग्री - 2 ग्राम परिजात के पत्ते, 3 ग्राम छाल और 2 से 3 तुलसी की पत्तियां चाहिए। आप सबसे पहले इन सारी समाग्रियों को अच्छे से उबाल लीजिए। फिर आप इसे दिन में 2 बार सिप-सिप करके पियें। इस काढ़े को पीने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की बीमारी में आराम पहुंचता है।
यह भी पढ़े : सर्दियों में गर्म पानी पीने के फायदे
इस फूल के अन्य फायदे
परिजात के फूल से बनाया गया काढ़ा सर्दी और जुकाम में राहत पहुंचाने का काम करता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी (Vitamin C) और एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
इससे आपकी पाचन शक्ति मजबूत होती है। इससे अपच की समस्या नहीं होती है। वहीं, गठिया के रोग में भी यह काढ़ा असरदार होता है। इस काढ़े को पीने से आपका तनाव भी दूर होता है। इसे अरोमाथेरपी में इस्तेमाल में लाया जाता है। असल में फूल की खुशबू मात्र से मन को शांति मिलती है।