मेंस्ट्रुअल हाइजीन और मेंस्ट्रुअल टैबू को लेकर कई बातें होती हैं और एक तरह से देखा जाए तो हमेशा ही इसे दबी-छुपी बात समझा जाता है। ऐसा कितनी बार हुआ होगा कि आपके घर में मम्मी, दादी, बहन, पत्नी, चाची आदि को पीरियड्स हुए हों, उन्हें कोई दिक्कत हुई हो, लेकिन उन्हें इसके बारे में बात करने में दिक्कत हुई हो। कई महिलाएं तो ये भी नहीं बता पाती हैं कि उन्हें आखिर पीरियड्स क्यों आते हैं।
डॉक्टर अमीना खालिद ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उन्होंने ये बताया है कि अगर आपको इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो आपका पीरियड नॉर्मल है और अगर ये लक्षण नहीं दिख रहे हैं तो आपका पीरियड नॉर्मल नहीं होगा।
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अगर 21-35 दिन में नहीं आ रहे पीरियड्स तो नॉर्मल नहीं हैं
अगर आपके पीरियड्स 21-35 दिनों के बीच आते हैं तो ये नॉर्मल हैं, लेकिन अगर ये इससे ऊपर या नीचे होते हैं तो यकीनन आपके पीरियड्स नॉर्मल नहीं होंगे। अगर पीरियड बहुत जल्दी-जल्दी आ रहे हैं तो भी ये यूट्रस संबंधित समस्या का संकेत हैं और अगर ज्यादा लेट से आ रहे हैं तो भी ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे समय में आपको एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
कई बार किसी हेल्थ कंडीशन के कारण भी ऐसा हो जाता है और हो सकता है कि आपका डॉक्टर आपको ये आश्वासन दे कि कोई खराबी नहीं है। पर अगर बार-बार ये हो रहा है तो गंभीर विषय हो सकता है।
अगर पीरियड का दर्द दैनिक समस्या नहीं बन रहा तो नॉर्मल है आपका पीरियड
आपको ये ध्यान देने की जरूरत है कि अगर आपके पीरियड्स का दर्द ऐसा हो रहा है कि आपकी दैनिक जिम्मेदारियां भी पूरी नहीं हो पा रही हैं तो ये नॉर्मल नहीं है। थोड़े बहुत क्रैम्प्स होना लाजमी है, लेकिन अगर ये बहुत ज्यादा हो रहे हैं और आपको परेशानी इतनी है कि बिना दवा खाए काम नहीं हो रहा या दिन भर बिस्तर पर रहना पड़ता है तो ये नॉर्मल नहीं है। ऐसे समय में आपको डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
अगर 2-7 दिन से कम या ज्यादा हो रहा है पीरियड तो नॉर्मल नहीं है
ब्लीडिंग हर किसी को अलग तरह से होती है और सभी का शरीर अलग काम करता है। कुछ लोगों को कम ब्लीडिंग होती है और कुछ लोगों को बहुत ज्यादा पर ये 2 दिन से कम या 7 दिन से ज्यादा होती है तो ये समस्या का विषय हो सकता है। अगर आपके पीरियड लगातार 10 दिन तक चलते रहते हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। ये किसी अंदरूनी बीमारी या फिर किसी अंग की खराबी का संकेत हो सकता है।
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