2022 की पहली छमाही में सऊदी अरब में मौत की सज़ा का ग्राफ़ बढ़ा
मानवाधिकार दस्तावेज सऊदी सरकार द्वारा मौत की सजा के निरंतर और निर्बाध संचालन के बारे में सूचित करते हैं और इस बात पर जोर देते हैं कि इस साल के पहले छह महीनों में ही सऊदी अरब में 120 मौत की सजा को अंजाम दिया गया है।
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यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन ने एक रिपोर्ट में घोषणा की कि 2022 की पहली छमाही में, सऊदी अरब में फांसी की संख्या कोरोना वायरस के प्रसार से पहले की अवधि में वापस आ गई है और 2019 में 186 फांसी के रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब ने इस साल जनवरी से जून तक 120 लोगों को फांसी दी है, जो पिछले साल दी गई फांसी की तुलना में 80% की वृद्धि दर्शाता है। रिपोर्ट से पता चलता है कि सऊदी अरब की सरकार ने इस साल 2020 और 2021 की की तुलना अधिक लोगों को फांसी दी है। याद रह कि अप्रैल महीने में रमज़ान की पवित्र
इस संदर्भ में, यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन ने बताया है कि न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता की कमी के कारण, वह केवल सऊदी सरकार द्वारा घोषित आंकड़ों पर भरोसा कर सकता है, जबकि यह आश्वस्त है कि ये आंकड़े सटीक और वास्तविक नहीं हैं।
यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन की जांच के अनुसार, 2022 की पहली छमाही में मारे गए 101 लोग सऊदी नागरिक थे और 19 अन्य अन्य देशों के विदेशी नागरिक थे, जिनमें 9 यमन, 3 मिस्र, 2 इंडोनेशियाई और इथियोपिया, म्यांमार, जॉर्डन, फिलिस्तीन और सीरिया का एक नागरिक शामिल था।
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सऊदी अरब में इस बड़ी तादाद में फांसी की सजा़ ऐसे समय में हुई है कि जब इस देश के क्राउन प्रिंस "मोहम्मद बिन सलमान" अपराधिक जुर्म पर मौत की सज़ा को समाप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता का प्रचार कर रहे हैं। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि 2022 में फांसी के 72 मामले दंडात्मक अपराधों के लिए थे।
साथ ही, 41 लोगों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए और सात लोगों को आतंकवादी कृत्यों में संलिप्तता के कारण मौत की सज़ा दी गई है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों द्वारा सऊदी सरकार के आतंकवाद विरोधी कानूनों की बार-बार आलोचना की है।
इस साल 12 मार्च को, सऊदी सरकार ने 81 लोगों की सबसे बड़ी सामूहिक फांसी को अंजाम देकर खूनी इतिहास बनाया था। मारे गए लोगों में से 41 सऊदी शिया प्रदर्शनकारी और पूर्वी अरब में अल-अहसा और कातिफ क्षेत्रों के निवासी थे। सऊदी अरब में एक दिन में इतनी संख्या में शियाओं का निष्पादन कभी भी दर्ज नहीं किया गया है। मारे गए लोगों के शव उनके परिवारों को कभी नहीं सौंपे गए।
सऊदी सरकार द्वारा इन 81 लोगों की फांसी ऐसे समय में दी गई है कि, जब मानवाधिकार संगठन इस बात पर जोर देते हैं कि सऊदी अरब में कई कैदियों के लिए मुकदमे की प्रक्रिया उचित नहीं है। बिन सलमान के विरोधियों और प्रदर्शनकारियों को समाप्त करने के लिए आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप एक टूल की तरह प्रयोग किया जा रहा है।
2022 की पहली छमाही में इतनी बड़ी संख्या में फाँसी की सज़ा से पता चलता है कि सऊदी अधिकारियों द्वारा सुधार के वादे कोरे झूठ से अधिक कुछ नहीं थे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि सऊदी अरब में इस समय कम से कम 32 लोग मौत की सजा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
साथ ही इस संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी जेलों में कैद 21 सऊदी किशोरों में से पांच को मौत की सजा का इंतजार है।
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किशोरों के निष्पादन को रोकने के लिए 2020 में अपने दावों के बावजूद, सऊदी सरकार ने किशोरों की फांसी को नहीं रोका है, और इस तरह के निष्पादन का एक स्पष्ट उदाहरण कातिफ के एक किशोर मुस्तफा दरवेश थे, जिन्हें जून 2021 में मार दिया गया था।
इसके अलावा, सऊदी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बहरीन के 2 युवकों की मौत की सजा की पुष्टि की। सऊदी सुप्रीम कोर्ट ने इन युवकों पर बिना कोई दस्तावेज मुहैया कराए सऊदी अरब में विनाशकारी अभियान चलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि सऊदी अरब में इस समय कम से कम 32 लोग मौत की सजा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
साथ ही इस संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी जेलों में कैद 21 सऊदी किशोरों में से पांच को मौत की सजा का इंतजार है.
किशोरों के निष्पादन को रोकने के लिए 2020 में अपने दावों के बावजूद, सऊदी सरकार ने किशोरों की फांसी को नहीं रोका है, और इस तरह के निष्पादन का एक स्पष्ट उदाहरण कातिफ के एक किशोर मुस्तफा दरवेश थे, जिन्हें जून 2021 में मार दिया गया था।
इसके अलावा, सऊदी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बहरीन के 2 युवकों की मौत की सजा की पुष्टि की। सऊदी सुप्रीम कोर्ट ने इन युवकों पर बिना कोई दस्तावेज मुहैया कराए सऊदी अरब में विनाशकारी अभियान चलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
सऊदी सरकार पिछले कुछ समय से शियाओं की फांसी को बढ़ा दिया है और कातिफ के शिया क्षेत्रों में रहने वाले दर्जनों सऊदी नागरिकों को फांसी देने के बाद, उन्होंने हाल ही में 2 सऊदी शिया नागरिकों को भी मार डाला है।
शियाओं की बढ़ती फांसी की संख्या पर मानवाधिकार रक्षकों और विदेशी निवेशकों द्वारा सऊदी अरब की न्यायिक प्रणाली की कड़ी आलोचना की गई है।