असमः सरकार आतकंवादी को सज़ा दे मदरसे पर बुलडोज़र क्यों?
असम की बीजेपी सरकार द्वारा मदरसे पर बुलडोज़र चलाए जाने पर आलोचनाओं का दौर बढ़ता जा रहा है।
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असम में जोगीघोपा के काबाईटरी गाँव में 1985 में एक मदरसा 'मरकज़े उलूम व मआरिफ कुरआनिया' का निर्माण किया गया था, जहां कई बच्चे तालीम हासिल करते थे। इस मदरसे को 13 अगस्त को जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है।
इस कार्यवाई पर असम के लोगों ने अपने क्रोध का इज़हार किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर किसी पर चरमपंथ का आतंकवाद का आरोप था तो उसको फांसी पर चढ़ा देते मदरसे को गिराने की क्या ज़रूरत थी। यह मदरसा लोगों के चंदे के पैसे से बना था, मदरसे को गिरा देना कहां का न्याय है?
बताते चलें कि बीते 26 अगस्त को अस पुलिस ने इस मदरसे में पढ़ाने वाले एक शिक्षक हफ़ीजुर रहमान मुफ्ती को चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि 38 साल के इस शिक्षक का अल-क़ायदा भारतीय उपमहाद्वीप (IQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ATB) जैसे चरमपंथी संगठनों से संबंध था।
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उनकी गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही उनके मदरसे 'मरकज़े उलूम व मआरिफ कुरआनिया' पर सरकार ने बुलडोज़र चला दिया। हालांकि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह इमारत सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं कर रही थी और मदरसे को इससे पहले नोटिस दिया जा चुका था। यह मदरसा सुरक्षा मानकों को पूरा न करने के कारण गिराया गया है।
लेकिन स्थानीय लोगों और कई आलोचकों का कहना है कि मदरसे के विरुद्ध यह कार्यवाई सरकार की तरफ़ से मुसलमानों के प्रति दुश्मनी को दर्शाती है। यह सरकार मुसलमानों को न केवल धार्मिक कार्यों से रोक रही है बल्कि वह पहले से पिछड़े मुसलमानों को शिक्षण संस्थानों पर बुलडोज़र चला कर उनको और पीछे कर देना चाहती है।
क़रीब 3,500 की आबादी वाले इस गांव में 90 फ़ीसदी से ज़्यादा मुसलमान हैं और पूरे इलाक़े में यह एकमात्र क़ौमी मदरसा था, जहां बीते साल 224 छात्रों ने दाख़िला लिया था। ईंट और सीमेंट से बने दो मंज़िला इस मदरसे के भवन में कुल 12 कमरे थे।
इसी गांव के एक निवासी ने पत्रकारों से कहा कि यह मदरसा लगभग तीन सालों से चल रहा था, हाल ही में प्रशासन ने बताया कि मुहम्मद सुमन नाम का एक चरमपंथी यहां शिक्षक बनकर पढ़ा रहा था इसलिए मदरसे को तोड़ दिया गया। इस मदरसे में कई दूसरे गाँव के बच्चे भी पढ़ते थे। जिसने अपराध किया था उसको सज़ा दी जानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने मदरसा गिरा दिया और बच्चों का भविष्य बरबाद कर दिया।
असम में मदरसे पर बुलडोज़र की कार्यवाई पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ( AIUDF) चीफ़ बदरुद्दीन अजमल ने असम सरकार पर हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि 2024 के इलेक्शन करीब आ रहे हैं इसलिए वोटों के ध्रुवीकरण के लिए मदरसों और मुसलमानों पर हमले बढ़ रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला बोलते हए कहा ,''असम में मुस्लिमों, मदरसों और मस्जिदों पर हमले इसलिए बढ़ रहे हैं कि वे सोचते हैं कि मुस्लिमों को निशाना बनाने से उनके वोट बढ़ेंगे। 2024 चुनाव से पहले ऐसा इसलिए हो रहा है कि मुस्लिम डर कर बीजेपी को वोट दे देंगे।''
बताते चलें कि बीते कुछ दिनों में राज्य सरकार तीन मदरसे गिरा चुकी है।