बिन सलमान को सऊदी अरब का पीएम बनाए जाने के पर्दे के पीछे के राज़
सऊदी अरब के 37 वर्षीय क्राउन प्रिंस "मोहम्मद बिन सलमान" ने पिछले कुछ वर्षों में धीरे धीरे लेकिन बहुत ही मज़बूती के साथ राज्य के सिंहासन के रास्ते में महत्वपूर्ण प्रगति की है। सऊदी अरब की सत्ता पर अपने पिता की गद्दी हासिल करने के रास्ते में उठाया गया एक और बड़ा कदम शाही फरमान द्वारा उनका मंत्रिपरिषद का प्रमुख बनाया जाना है।
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सऊदी अरब में, प्रधान मंत्री के रूप में क्राउन प्रिंस की नियुक्ति को एक अपरंपरागत कार्य माना जाता है, लेकिन यह अतीत में भी हुआ था। 50 के दशक में, क्राउन प्रिंस फैसल अल सऊद परिषद के प्रमुख बने जिसके बाद उन्होंने अपने तख्ता पलट करके भाई से देश की सत्ता छीन ली।
पिछले हफ्ते, 86 वर्षीय किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ ने एक आदेश में, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, जो कि मंत्रिपरिषद के उपाध्यक्ष थे, को अपने उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया और उनके अपने सबसे छोटे बेटे, खालिद को रक्षा मंत्री नियुक्त किया।
कतरी अखबार "राय अल-यूम" ने इस खबर को प्रकाशित करते हुए लिखा: "इस तरह, मोहम्मद बिन सलमान को देश के संविधान के अनुच्छेद (56) के प्रावधानों से छूट दी गई थी, जिसमें कहा गया है कि राजा मंत्रीपरिषद का प्रमुख होता है और मंत्रिपरिषद के सदस्य कार्यों को अंजाम देने में उसकीमदद करते हैं।"
प्रधान मंत्री चुने जाने के बाद, मोहम्मद बिन सलमान ने मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन किया, इस शर्त के साथ कि राजा की उपस्थित में वही परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। नई परिषद में, केवल ऊर्जा मंत्री, "अब्दुल उजीर बिन सलमान", विदेश मंत्री "फैसल बिन फरहान", निवेश मंत्री "खालिद बिन अब्दुल उजीर अल फलीह", और गृह मंत्री "अब्दुल अजीज बिन सऊद बिन नायेफ बिन अब्दुल" अजीज", और वित्त मंत्री "मोहम्मद बिन अब्दुल्ला अल-जेद्दान, को अपने पदों पर बनाए रखा गया है।
सत्ता ढांचे में इस मूल परिवर्तन का अर्थ है "सऊदी अरब" में मोहम्मद बिन सलमान की शक्ति में वृद्धि। वर्तमान में वही सऊदी अरब के वास्तविक शासक हैं।
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बिन सलमान बने सऊदी अरब के प्रधानमंत्री
इस फैसले के साथ, मुहम्मद बिन सलमान ने आधिकारिक तौर पर "प्रधान मंत्री" की उपाधि अर्जित करके सऊदी अरब का नेतृत्व संभाला है।
सऊदी राजा, किंग सलमान ने अपने दूसरे बेटे को रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया और राजा का तीसरा पुत्र तेल और ऊर्जा मंत्री है।
इन आदेशों के बाद सऊदी राजा (सलमान) के तीन बेटे देश के चार प्रमुख पदों पर मौजूद हैं, यानी क्राउन प्रिंस, प्रधान मंत्री, रक्षा मंत्री और तेल मंत्री।
इस क्राउन प्रिंस से पहले, मोहम्मद बिन सलमान उप प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री थे, लेकिन अब वह क्राउन प्रिंस और प्रधान मंत्री है। यानी वह सत्ता के तख्त से एक कदम और करीब पहुँच गए हैं।
सऊदी विपक्षी विश्लेषक "अली अल-शहाबी" ने इस बारे में फ्रांस न्यूज़ एजेंसी को बताया: "इस आदेश का अर्थ उन वार्ताओं को औपचारिक रूप देना है जिनमे हाल के वर्षों में बार बार कहा जा रहा था कि सऊदी अरब के वास्तविक शासक, मोहम्मद बिन सलमान हैं।
अल-शहाबी कहते हैं: यह देरी से हुआ और उम्मीद थी कि हम बहुत पहले ही सऊदी अरब के प्रधान मंत्री के रूप में मोहम्मद बिन सलमान की नियुक्ति देखेंगे।
इंग्लैंड के बर्मिंघम विश्वविद्यालय में राजनीतिक मुद्दों और सऊदी अरब मामलों के विशेषज्ञ "उमर करीम" ने भी कहा: प्रधान मंत्री के पद पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के चुनाव का मतलब है कि उन्होंने सत्तारूढ़ सऊदी परिवार सत्ता संघर्ष के चरण को पार कर लिया है। इसका मतलब है कि अब वह सिंहासन से केवल एक कदम दूर है और सऊदी किंग सलमान की मौत के साथ ही यह दूरी भी समाप्त हो जाएगी।
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करीम ने कहा: मोहम्मद बिन सलमान का प्रधान मंत्री बनना औपचारिक प्रोटोकॉल से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों को हल कर सकता है, क्योंकि मोहम्मद बिन सलमान देशों के प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे थे, जबकि उनका पद रक्षा मंत्री का था।
सऊदी अरब में बड़े बदलाव
किंग सलमान द्वारा अपने बेटे बिन सलमान को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाना न केवल इस देश की परंपरा के अनुरूप नहीं है बल्कि इस देश में बड़े बदलावों का भी संकेत है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अब से, हम अब देश में और अधिक व्यापक परिवर्तन और बदलाव देखेंगे। यह परिवर्तन मोहम्मद बिन सलमान के देश के क्राउन प्रिंस बनने से कही अधिक व्यापक होंगे। और सबसे बड़ा परिवर्तन जो होगा वह विरोधियों और असंतुष्टों के दमन में तेजी, सऊदी अरब के धार्मिक रंग को कमजोर किया जाना होगा। और यह सब का सब सत्ता के तख्त पर पहुँचने के लिए किया जाएगा।