प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सऊदी अरब ने पिछले कम से कम 14 दिनों में 12 लोगों को मौत की सज़ा दे दी है। सऊदी अरब के आले सऊद शासन पर अब यह आरोप लगना शुरू हो गया है कि वह क़तर के विश्वकप का इस्तेमाल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कर रहा है। यही कारण है कि वर्ल्ड कप के हंगामे के बीच वह अपने विरोधियों के सिर काटने में लगा हुआ है। वह भी तब जब सऊदी अरब की सरकार ने यह वादा किया है कि ग़ैर हिंसात्मक अपराधों के लिए मौत की सज़ा नहीं दी जाएगी। इससे पहले साल 2021 में सऊदी अरब ने ग़ैर हिंसात्मक अपराधों के लिए मौत की सज़ा पर रोक लगा दी थी। ध्यान योग्य बात यह है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रविवार को क़तर में फीफा वर्ल्ड कप समारोह में हिस्सा लिया था। इस दौरान वह फीफा के मुखिया गियान्नी इन्फैंटिनो के साथ नज़र आए थे।
इस बीच मानवाधिकार संस्थाओं ने एक टैक्सी ड्राइवर के मामले को प्रमुखता से उठाया था। इस ड्राइवर को सऊदी जेल में फांसी की सज़ा दी जानी है। इस ड्राइवर की बहन ने इंग्लैंड के पूर्व स्टार एलन शेइरेर से मदद मांगी थी। उनके भाई हुसैन को मौत की सज़ा सुनाई गई है। उनके फ्यूल टैंक से एमफिटेमीन दवा मिली थी जो प्रतिबंधित श्रेणी में आती है। हुसैन के 8 बच्चे हैं और वह अब जेल में बंद हैं। वहीं मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि हुसैन ने प्रताड़ित किए जाने पर यह अपराध स्वीकार किया है और प्रतिबंधित दवा को उनकी कार में उन्हें फंसाने के लिए रखा गया था। इस कार को हुसैन ने जार्डन में अपने घर के बाहर खड़ा किया था। मानवाधिकार संस्था (Reprieve) की डायरेक्टर माया फोआ ने आरोप लगाया है कि जब दुनिया का ध्यान दोहा के विश्वकप पर टिका हुआ सऊदी अरब लोगों को मौत की सज़ा दे रहा है।