रविवार को गुजरात की 75 साल की लक्ष्मी देवी की जान चली गई। उन्हें अन्य गंभीर बीमारियां और सांस लेने में समस्या थीं। बद्रीनाथ के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ''महिला को एक होटल से मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था, जहां उसका परिवार रुका हुआ था।
एमपी की 62 वर्षीय सम्पति बाई का शनिवार को हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण यमुनोत्री में निधन हो गया। अधिकारियों ने कहा कि संपाती मंदिर जा रही थी, जब वह मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित जानकीचट्टी गांव के पास बेहोश हो गई।
उसके परिवार वाले उसे स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे पहले शुक्रवार को दो तीर्थयात्रियों का हृदय गति रुकने से निधन हो गया था।
जरूर पढ़े : आज मनाई जा रही है गंगा सप्तमी, जानिए इसको मनाने का महत्व और पूजा की विधि
बारिश के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने 13 मई तक उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने राज्य में यलो के बाद ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 11 मई से 13 मई तक प्रदेश में बारिश रहेगी। इसके अलावा चार धाम में आने वाले यात्रियों को भी सलाह दी गई है कि बारिश के दौरान यात्रा न करें, जब बारिश थम जाएं तभी यात्रा शुरू करें।
युमनोत्री धाम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
उत्तराखंड पुलिस ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वो युमनोत्री धाम की यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दें। उत्तराखंड पुलिस के अनुसार युमनोत्री में क्षमता के अनुसार श्रद्धालु पहुंच गए हैं> ऐसे में जो श्रद्धालु आने वाले हैं वो फिलहाल के लिए यात्रा स्थगित कर दें।
हिंदुओं में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व
उत्तराखंड में हर साल चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra 2024) होती है जिनमें बद्रीनाथ धाम के साथ-साथ तीर्थयात्री गंगोत्री धाम, यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के दर्शन करने आते हैं।
शुक्रवार को अक्षय तृतीया के दिन केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। जिसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा आरंभ हो गई। गंगोत्री, युमनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाम धार्मिक स्थल हैं। जहां देशभर से तीर्थयात्री श्रद्धाभाव से पहुंचते हैं। चार धाम की यात्रा को बेहद खास माना जाता है और इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व भी है।