मरियम देखो थोड़ा ध्यान करो, तुम्हारा पति ही नाराज़ न हो जाए। जिस तरह तुम मेरा नाम लेती हो।' टीवी पर इमरान ख़ान का भाषण चलते आधा घंटा हो चुका था और मैं ख़बर के पॉइंट्स ले रही थी जब मैंने ये शब्द सुने और पलट कर स्क्रीन की ओर देखा तो रैली में शोर होने के बाद इमरान ख़ान चुप हो गए थे।
मुल्तान में एक बड़े जलसे में इमरान ख़ान का भाषण फिर से शुरू हुआ और वहां मौजूद जनता उन्हें दाद दे रही थी।
मरियम नवाज़ को लेकर इमरान ख़ान की बात को न तो ब्रेकिंग न्यूज़ में जगह मिल सकती है और न ही सुर्खियों में, लेकिन ये बात आख़िर क्या है? उनके समर्थक और उनके आलोचक इस पर क्या कह रहे हैं?
सोशल मीडिया पर जाने से पहले आइए इमरान खान के भाषण की रिकॉर्डिंग को देखें और उनके वाक्यों का संदर्भ देखें क्योंकि अक्सर ये सुनने को मिलता है कि कुछ प्रसंगों में कुछ जुमले बात को पलट देते हैं।
इमरान खान ने किस तरह से बात शुरू और ख़त्म की?
इमरान खान वैसे ही भाषण दे रहे थे जो वह पिछले कई दिनों से रैलियों के दौरान दे रहे थे। अचानक उन्होंने बहुत ही सामान्य तरीके से कहा, "किसी ने मुझे सोशल मीडिया पर भाषण भेजा, मरियम कल कहीं भाषण दे रही थी, सोशल मीडिया पर जो भाषण मुझे मिला उसमें वो इतनी बार और इतने जुनून से मेरा नाम ले रही है कि मैं उससे कहना चाहता हूं कि मरियम देखो थोड़ा ध्यान करो, तुम्हारा पति ही न नाराज़ हो जाए जिस तरह तुम मेरा नाम लेती हो।"
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान की जहां सोशल मीडिया पर कड़ी निंदा की गई है, वहीं कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी अलग-अलग राय ज़ाहिर की है।
एक यूज़र ज़ोई ख़ान ने कहा, "मेरे लिए इमरान खान और उनकी बातें परेशान करने वाली नहीं हैं, लेकिन भीड़ की प्रतिक्रिया, शोर, उनके श्रोताओं की तालियां मुझे डराती हैं।"
इमरान ख़ान ने भाषण में जब यह बात कही तो उसके बाद वो रुके और फिर संगीत बजने लगा, इसके बाद फिर उन्होंने शरीफ़ परिवार का ज़िक्र करना शुरू कर दिया और सवाल पूछने लगे कि समझ नहीं आता कि उन्हें (शरीफ़ परिवार) उनसे क्या दिक्कत है। इस घटना के बाद पाकिस्तान में ट्विटर पर मुल्तान जलसे के अलावा इमरान खान और मरियम नवाज़ ट्रेंड करने लगा।
सोशल मीडिया पर लोगों ने इमरान ख़ान के इन शब्दों को लिखकर यह भी पूछा कि क्या इमरान खान ने सच में ऐसा कहा।
फ़ौज़िया भट्टी लिखती हैं, "क्या उन्होंने वास्तव में ऐसा कहा था? मेरा मतलब है, ये वास्तव में भयानक है, बहुत निराशाजनक है।"
फ़ौज़िया भट्टी ने ये ट्वीट पत्रकार मुबश्शिर ज़ैदी के एक ट्वीट का जवाब देते हुए था लिखा जिसमें उन्होंने कहा था कि "इस देश में पुरुषों का आख़िरी हथियार महिलाओं को अपमानित करना है।"