उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को शुरू हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है लेकिन अब तक इस यात्रा में शामिल हुए कम से कम 86 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 44 लोगों की मौत केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई है जबकि यमुनोत्री में 25 लोगों की, बद्रीनाथ के आसपास 13 लोगों की और गंगोत्री में 4 लोगों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है अधिकतर मौतें हृदयाघात के चलते उम्रदराज़ यात्रियों की हुई हैं।
कहा जा रहा है कि यह आंकड़ा बीते सालों की तुलना में बेहद ज़्यादा है जबकि 3 मई से शुरू हुई इस यात्रा को अभी महज़ 25 दिन हुए हैं।उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सरकार को घेरते हुए अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा, ''लापरवाही की हद है और यह समाचार राज्य के रूप में हम सबका मुँह चिड़ा रहा है।।। यदि इसी तरीके से मौतें होती रहीं तो हमारे राज्य के विषय में देशभर में क्या संदेश जायेगा, इस पर कुछ विचार होना चाहिए था।''
सरकार का क्या है दावा
हालांकि उत्तराखंड के स्वास्थ विभाग का दावा है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते ये मौतें नहीं हुई हैं। डीजी हेल्थ शैलजा भट्ट ने बीबीसी को बताया, ''सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई भी मृत्यु हेल्थ फेसिलिटीज़ में नहीं हुई हैं। अस्पतालों में उन मरीज़ों को लाया जा रहा है जिनकी पहले ही मौत हो चुकी है। यात्रा के लिए ख़ासतौर पर मेडिकल इंतज़ाम किए गए हैं। हम स्क्रीनिंग कर रहे हैं। 50 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को अगर ब्लड प्रेशर, सुगर या ब्रीदलैसनेस की दिक्कत है उन्हें यात्रा से रोका जा रहा है।''
शैलजा भट्ट मौत की वजहों पर आशंका जताते हुए कहती हैं, ''असल में ऋषिकेश से लेकर केदारनाथ तक की यात्रा में टेम्प्रेचर का वेरिएशन बहुत ज़्यादा है। वहां बेहद ठंड है और मैदानी इलाक़ों में गर्मी। ऐसे में कई लोग एक्लेमटाइज़ नहीं कर पाते हैं और ख़ासतौर पर वे लोग जो हैली सर्विसेज़ के ज़रिए सीधे ऊँचाई में पहुंच जा रहे हैं। साथ ही लोगों में दर्शन को लेकर उत्साह बहुत है। वे कई बार उपवास करके यात्रा करते हैं और कई बार बहुत तेज़ यात्रा करने के उत्साह के चलते भी तबियत बिगड़ती है। हमने लगातार यात्रियों को सलाह दी है कि वे भोजन करके, पर्याप्त पानी पी कर, धीमे-धीमे यात्रा करें।''
कोरोना लॉकडाउन के चलते दो सालों के बाद इस बार सामान्य तरीके से आयोजित हो रही चार धाम यात्रा में यात्रियों की संख्या में बेहद बढ़ोत्तरी देखी गई है। प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक अब तक 10 लाख 26 हज़ार यात्री चार धामों के दर्शनों के लिए आ चुके हैं। तकरीबन 6 महीनों तक चलने वाली चार धाम यात्रा के लिए 25 मई तक 21 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।
सोर्स : बीबीसी