क्या वाकई ईरान सऊदी अरब पर हमले की तैयारी कर रहा है?
सऊदी अरब के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऐसी जानकारी है जिससे पता चलता है कि ईरान सऊदी अरब और कुछ अन्य पड़ोसी देशों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
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व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका सऊदी अरब के खिलाफ ईरान की धमकी को लेकर चिंतित है और जरूरत पड़ने पर जवाब देने से नहीं हिचकिचाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा: "हम इस खतरे से चिंतित हैं और सैन्य और खुफिया चैनलों के माध्यम से सऊदी अरब के साथ लगातार संपर्क में हैं। हम अपने हितों और क्षेत्र में अपने सहयोगियों के हितों की रक्षा करने में संकोच नहीं करते हैं।"
इससे पहले, "वॉल स्ट्रीट जर्नल" ने अमेरिकी और सऊदी अधिकारियों का हवाला देते हुए लिखा था कि सऊदी अरब ने अमेरिकी अधिकारियों ने इस देश के कुछ लक्ष्योंपर ईरान के संभावित हमले को लेकर खुफिया डेटा साझा किया है क्षेत्र एवं मध्यपूर्व में अमेरिकी सैन्य बलों और अन्य देशों के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है।
इस संबंध में कतरी नेटवर्क अल जजीरा ने लिखा कि सऊदी अरब, अमेरिका और पड़ोसी देशों ने अपने सैन्य बलों को पूरी तरह अलर्ट पर रखा है।
साथ ही अमेरिकी मीडिया ने अपने देश के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से बताया कि रियाद और वाशिंगटन ने सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है जिससे पता चलता है कि ईरान सऊदी अरब पर सैन्य हमले की योजना बना रहा है।
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दूसरी ओर, सऊदी अधिकारियों का कहना है कि ईरान न केवल सऊदी अरब पर हमला करने की योजना बना रहा है, बल्कि एरबिल भी आईआरजीसी (IRGC) के हमलों का लक्ष्य होगा।
जबकि वॉल स्ट्रीट जर्नल में कहा गया है कि ईरान की इस कार्रवाई का उद्देश्य घरेलू जनमत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ईरान में आंतरिक विरोध पर ध्यान केंद्रित करने से रोकना है, जो अब सातवें सप्ताह में प्रवेश कर रहा है। तेहरान का कहना है कि वह सऊदी पोषित ईरान इनटरनेशन टीवी चैनल और दूसरे इलेक्ट्रानिक माध्यमों द्वारा ईरान के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के कारण इन देशों पर कार्यवाही कर सकता है।
तेहारन ने अपने बयान में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस बिन सलमान के उस बयान का भी हवाला दिया है जिसमें उन्होंने 2016 में तेहरान और मशहद में सऊदी दूतावास और वाणिज्य दूतावास पर एक सऊदी शिया मौलवी शेख निम्र बाकिर अल-निम्र की फांसी के विरोध में हमले पर कहा था कि वह युद्ध को तेहरान और ईरान की सड़कों तक ले जाएँगे।
ईरान के संभावित हमले पर सऊदी अरब की चेतावनी और रियाद के समर्थन में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता के बयान ऐसे समय में आए हैं कि जब ईरान ने सितंबर में पहले से ही दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलों और विस्फोटक ड्रोन के साथ इराकी कुर्दिस्तान में कई स्थानों पर हमला करता रहा है। ईरान द्वारा यह हमले देश में चल रही आंतरिक अशांति से जनता के ध्यान को हटाने की एक कोशिश के तौर पर देखे जा रहे हैं।
तेहरान ने इराकी कुर्दिस्तान में स्थित कुर्द पार्टियों पर ईरान में अशांति का नेतृत्व करने का आरोप लगाया है। ईरानी अधिकारियों ने सऊदी अरब, अमेरिका और इज़राइल पर भी प्रदर्शनों का नेतृत्व करने का आरोप लगाया है।
इससे पहले, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर-इन-चीफ, हुसैन सलामी ने कहा था कि देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन देश में सक्रिय फारसी मीडिया की गतिविधियों का परिणाम है। उन्होंने सऊदी अरब को चेतावनी देते हुए कहा: "मैं अल सऊद शासन को चेतावनी देता हूं। अपने व्यवहार से सावधान रहें और मीडिया पर नियंत्रण रखें, नहीं तो उसका धुआँ उसकी आपकी आँखों में जाएगा।