अंतिम दो लीग मैचों में 796 रन बने और सबसे बड़ी सौगात मुंबई इंडियंस के लिए आई जो पिछले सीज़न में अंतिम पायदान पर थे लेकिन इस बार सीधे प्लेऑफ़ में छलांग लगा दी।
इस टीम के पास रोहित शर्मा जैसा कप्तान है, जिसके हाथों में राष्ट्रीय टीम की बागडोर भी है. साथ ही भरपूर अनुभव और बल्लेबाज़ी का वो हुनर भी, जिसकी बदौलत वह आगे बढ़ कर कमान संभालते हैं।
इस अंतिम लीग मैच में कुछ ऐसा ही देखने को मिला
सनराइज़र्स हैदराबाद ने 200 रन बना दिए तो रोहित ने पूरा संयम दिखाया और टीम को जब उनसे बल्लेबाज़ी की सबसे अधिक ज़रूरत थी तो उन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली। नेट रन रेट को सुधारने के लिए एक असंभव लक्ष्य के पीछे नहीं भागे।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के नेट रन रेट से बेहतर अपना नेट रन रेट बनाने के लिए 201 रन का लक्ष्य मुंबई इंडियंस को 11.4 ओवरों में हासिल करना था।
तो रोहित ने पारी की शुरुआत में ही यह तय कर लिया था कि नेट रन रेट की बजाय जीत पर फ़ोकस करेंगे।
मैच के बाद रोहित बोले भी, "हम जीत के इरादे से उतरे थे। बाक़ी कोई भी चीज़ हमारे दिमाग़ में नहीं थी। अब हम बस अच्छे की दुआ कर रहे हैं।
मुंबई की जीत में रोहित से भी अधिक कैमरून ग्रीन के शतक और आकाश मधवाल के चार विकेट का योगदान रहा।
मधवाल के प्रदर्शन के पीछे इस करिश्माई कप्तान का हाथ ही माना जाएगा क्योंकि उन्होंने इस यॉर्कर डालने के माहिर गेंदबाज़ का इस्तेमाल कब करना है ये तय किया।
आकाश मधवाल ने जहां अंतिम ओवरों में सटीक यॉर्कर डाले वहीं विव्रांत सिंह, मयंक अग्रवाल, हेनिरक क्लासेन और हैरी ब्रूक जैसे बल्लेबाज़ों के विकेट चटकाए।
इस सब के अलावा जिस एक चीज़ का साथ मुंबई इंडियंस को मिला वो है भाग्य। उनका प्लेऑफ़ में पहुंचना रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की हार पर निर्भर था, जो गुजरात टाइटंस से हार गए।
अब मुंबई इंडियंस का मुक़ाबला एलिमिनेटर मुक़ाबले में 24 मई को लखनऊ सुपर जायंट्स से होगा।