मैच के दौरान फिलिस्तीनी झंडा दिखाने पर आजम खान पर हुआ जुर्माना
खेल और मनोरंजन से लेकर तमाम दूसरे क्षेत्रों से जुड़ी कई हस्तियां सोशल मीडिया पर फ़लस्तीन के पक्ष में समर्थन जताती नज़र आई हैं। जिसके कारण कई हस्तियों को अपने पेशेवर जीवन में आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
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![मैच के दौरान फिलिस्तीनी झंडा दिखाने पर आजम खान पर हुआ जुर्माना](https://cdn.gtn24.com/files/india/posts/2023-11/azam-khan.webp)
पाकिस्तान में होने वाली एक राष्ट्रीय क्रिकेट लीग के दौरान बल्ले पर फ़लस्तीनी झंडे का स्टिकर लगाने पर पाकिस्तान क्रिकेट आज़म ख़ान को बोर्ड की ओर से जुर्माने का सामना करना पड़ा है।
राष्ट्रीय टी-20 टूर्नामेंट में बल्लेबाज़ आज़म ख़ान की ओर से अपने बल्ले पर फ़लस्तीनी झंडे का स्टिकर लगाने पर मैच फ़ीस का पचास प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।
ध्यान रहे कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के नियम और शर्तों के तहत खिलाड़ियों की किट या सामान पर पहले से स्वीकृत न किए गए स्टिकर, विशेष कर मैच के दौरान धार्मिक और राजनीतिक संदेश पर आधारित स्टिकर नहीं लगाए जा सकते।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अनुसार, आज़म ख़ान पर जुर्माना इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के नियमों के उल्लंघन पर लगाया गया है। आईसीसी के नियम के अनुसार किसी विशेष सरकार, राजनीतिक दल या व्यक्ति के समर्थन की ओर इशारा करने वाले संदेशों पर पाबंदी है।
‘राजनीतिक धार्मिक या जातीय उद्देश्य’ के लिए किसी भी तरह के संदेश के बारे में आईसीसी के नियम के साथ एक नोट नत्थी किया गया है।
इस नोट में कहा गया है कि आईसीसी और उसके सदस्य इस पर सहमति जताते हैं कि क्रिकेट को दुनिया भर के लोगों और समुदायों को एक साथ लाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए न कि फूट डालने वाली राजनीतिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म के तौर पर या बयानबाज़ी के लिए।
आईसीसी के नियमों के अनुसार किसी भी खिलाड़ी के कपड़े, शर्ट, टी शर्ट, पतलून, स्वेटर, टोपी, हेलमेट, कलाई के बैंड, हेडबैंड, चश्मा या दूसरे हेडगियर पर केवल पहले से स्वीकृत लोगो ही लगाए जा सकते हैं।
आईसीसी क्रिकेट के सामान जैसे स्टंप्स, बैट, पैड, जूते, दस्ताने और दूसरे नज़र आने वाले सुरक्षात्मक सामान पर भी केवल आईसीसी के स्वीकृत लोगो लगाने की इजाज़त देता है।
खिलाड़ियों के बल्लों के बारे में आईसीसी के नियम के अनुसार उस पर किसी खिलाड़ी के स्पॉन्सर का केवल स्वीकृत लोगो हो सकता है। आईसीसी के नियमों के अनुसार कोई भी लिबास या साज़ो सामान जो उन शर्तों को पूरी नहीं करते, पूरी तरह प्रतिबंधित है।
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ख़ास कर क्रिकेट के कपड़ों या क्रिकेट के साज़ो सामान पर राष्ट्रीय लोगो, व्यापारिक लोगो, इवेंट लोगो, मैन्युफ़ैक्चरर्स का लोगो, खिलाड़ी का बैट लोगो, चैरिटी लोगो या नॉन कमर्शियल लोगो के अलावा किसी भी लोगो को लगाने की इजाज़त नहीं है।
इसके अलावा जहां कोई मैच ऑफ़िशियल किसी ऐसे लिबास या साज़ो सामान के बारे में बताता हो जो उन शर्तों को पूरी नहीं करते तो ऐसे व्यक्ति को खेल के मैदान में जाने से रोका जा सकता है।
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सोशल मीडिया पर आज़म ख़ान के समर्थन में एकजुट हुए लोग
आज़म ख़ान की ओर से फ़लस्तीन के लिए समर्थन जताने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने तो अपना फ़ैसला सुना दिया लेकिन बहुत से पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स आज़म ख़ान के इस क़दम पर काफ़ी ख़ुश हैं और उनकी तारीफ़ कर रहे हैं।
सोशल मीडिया यूज़र्स आज़म ख़ान पर जुर्माना लगाने के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के फ़ैसले की तीखी आलोचना कर रहे हैं।
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ऐसे ही कुछ यूज़र्स का कहना है, ''आज़म ख़ान पर जुर्माना लगाना सही नहीं बल्कि पाकिस्तान को खुलकर फ़लस्तीन का समर्थन करना चाहिए।'
एक यूज़र सरदार रियाज़ उल हक़ का कहना था, ''कोई फ़र्क़? इंडिया वालों ने तो दर्शक को पकड़ा और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ी पर ही जुर्माना लगा दिया। इंडिया तो है ही इसराइली क्लब में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का दम क्यों निकला जा रहा है।''
इसी तरह अलीज़े नाम के यूज़र का कहना था, ''अगर फ़लस्तीन का साथ देना जुर्म है तो आज़म ख़ान अकेले नहीं, हम सबको जुर्माना देना होगा। आज़म ख़ान के लिए सम्मान।
याद रहे कि सात अक्टूबर को हमास की ओर से इसराइल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुई जंग में अब तक 14 हज़ार से ज़्यादा फ़लस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। वहीं इसराइल के भी क़रीब 1200 लोग मारे गए हैं।