इमाम हुसैन को दुनिया के अधिकतर मुसलमान व गैर मुसलमान सम्मान की नज़र से देखते हैं। महात्मा गांधी ने इमाम हुसैन को लेकर ऐसा बयान दिया जिसे सब को अचंभित कर दिया
कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनकी बहन ज़ैनब और दूसरे साथी जब पहली बार उनका चेहलुम मनाने कर्बला पहुँचे तो उनका सबसे बड़ा मकसद यह था कि दुनिया को बता सकें कि पैगम्बर के नवासे हुसैन ने इतना बड़ा बलिदान क्यों दिया।
इमाम हुसैन मानव इतिहास की वह एकमात्र हस्ती हैं जिन्होंने इंसानियत को बचाने के लिए यज़ीद के विरुद्ध मोर्चा खोला। अगर हुसैन न होते तो न केवल इस्लाम न बचता बल्कि इंसानियत भी समाप्त हो गई होती।