सऊदी अरब का भविष्य अंधकारमयी, किंग सलमान के बाद कभी भी हो सकता है तख्तापलट
इजरायल के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, सऊदी अरब में राजशाही के विरोधियों ने सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ की मृत्यु के बाद राजशाही के लिए कड़वे भविष्य की भविष्यवाणी की है।
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राजशाही के विरोध से जुड़े सऊदी अरब के "मूवमेंट फॉर चेंज एंड फ्रीडम" ने लिखा है कि इजरायल के शोधकर्ताओं के अध्ययन से पता चलता है कि राजा सलमान की मृत्यु के बाद तख्तापलट हो सकता है, लेकिन वर्तमान क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का खेमा हालात पर नियंत्रण कर सकता है।
इस अध्ययन के अनुसार, इस तख्तापलट के बाद, "खालिद बिन सलमान" (वर्तमान रक्षा उप मंत्री) मुहम्मद बिन सलमान के भाई सऊदी अरब में सत्ता को अपने हाथ में ले लेंगे और आंतरिक मामलों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और यमन में युद्ध से पीछे हट जाएंगे।
यह शोध जिसका शीर्षक "2030 में मध्य पूर्व कैसा दिखेगा?" जिसे इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नेतनयाहू के करीबी इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज के तीन शोधकर्ताओं “अरी हिस्टिन” इजरायली खुफिया अधिकारी “डैनियल राकोव” और मध्यपूर्व संस्थान के शोधकर्ता और फारस की खाड़ी मामलों के विशेषज्ञ “योएल गोज़ानेस्तकी” द्वारा तैयार किया गया है में कहा गया है कि इस तख्तापलट में बिन सलमान की हत्या के बाद अमेरीका दबाव में आ जाएगा।
सऊदी विपक्षी समाचार वेबसाइट ने लिखा कि इससे पहले स्विट्ज़रलैंड के समाचारपत्र (Thurgauer Zeitung) ने भविष्यवाणी की थी कि मोहम्मद बिन सलमान सिंहासन के लिए लड़ेगे और प्रमुख राजकुमारों सहित उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को रास्ते से हटाने और तख्तापलट को रोकने के लिए लिए कार्य करेंगे। यह भविष्यवाणी सही साबित हुई थी।
इस समाचार पत्र के मध्य पूर्व संवाददाता क्रिश्चियन वीसफ्लॉग ने कहा कि बिन सलमान ने हाल के वर्षों में अपने बहुत से दुश्मन बनाए हैं और अक्टूबर 2018 में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगगी की हत्या ने देश का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उन्होंने लिखा: बिन सलमान ने सत्ता हासिल करने के अपने अथक प्रयासों के हिस्से के रूप में, एक नए प्रकार का तख्तापलट शुरू कर दिया है उन्होंने किंग सलमान के भाई सहित 20 राजकुमारों को गिरफ्तार किया है।
इन लोगों पर मुहम्मद बिन सलमान के खिलाफ तख्तापलट की साजिश रचने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य विदेशी देशों के साथ संपर्क रखने का आरोप है।
इस समाचार पत्र के मध्य पूर्व रिपोर्टर वायसफ्लोग ने इजरायली शोधकर्ताओं के अध्ययन के आधार पर किंग सलमान की मौत के बाद सऊदी अरब में तख्तापलट की तरफ़ इशारा करते हुए कहाः "वर्तमान सऊदी क्राउन प्रिंस, बिन सलमान की विरोधाभासी और महत्वाकांक्षी नीतियों के कारण, इस देश में तख्तापलट की कोशिश और इसे अंजाम देना, अप्रत्याशित नहीं है।
उन्होंने जारी रखते हुए कहाः "देश में तीव्र बदलाव जो अधिकतर विदेश नीतियों के आधार पर किए गए को राष्ट्रीय स्तर पर पूरा समर्थन नहीं मिला, जिनमें से पहला यमन में असफल सैन्य हस्तक्षेप और कतर पर प्रतिबंध था।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिन सलमान अपनी राजनीतिक दृष्टि को साकार करने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करने से नहीं कतराते, उन्होने न केवल शेखों के साथ, बल्कि उदारवादी धार्मिक हस्तियों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ भी घृणा व्यक्त की है।
बिन सलमान ने 2017 में शाही राजकुमारों के विरुद्ध एक गिरफ्तारी अभियान चलाया, इस अभियान के दौरान 500 राजकुमारों और उद्योगपतियों को गिरफ्तार किय गया।
बाद में आने वाली रिपोर्टों से पता चला कि इन राजकुमारों और उद्योगपतियों को बाहर आने के लिए 100 अरब डॉलर देने पड़े, और पूर्व क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन नाएफ़ की गिरफ्तारी बिन सलमान के सत्ता के छिन जाने के डर को दर्शाता है।
सत्ता की राह में बिन नाएफ़, बिन सलमान के रास्ते का मुख्य रोड़ा हैं। उनक पास ग्रह मंत्रालय था, और 11 सितम्बर आतंकवादी हमले के बाद उन्होंने अपनी सफल विदेश नीति को भी दर्शाया और इस मामले को बेहतीन तरह से हैंडल करते हुए वाशिंगटन के अधिकारियों का विश्वास अर्जित किया।
अमरीकी अधिकारी एक अनुभवि बिन नाएफ़ को सऊदी अरब की सत्ता में प्रमुख के तौर पर देखने में अधिक सहज हैं, क्योंकि बिन सलमान का सत्ता में आना सऊदी अरब के अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है।
बिन सलमान के अन्य प्रतिद्वंद्वी किंग सलमान के छोटे भाई प्रिंस अहमद बिन अब्दुलअज़ीज़ हैं, जो सऊदी क्राउन प्रिंस और यमनी युद्ध की नीतियों का विरोध करने के लिए जाने जाते हैं। वह पहले लंदन में रहते थे और सुरक्षा गारंटी प्राप्त करने के बाद, खशगेची की मृत्यु के कुछ सप्ताह बाद 2018 में सऊदी अरब लौटने का फैसला किया।