कैस्पियन सी कंट्रीज़ के बीच होने वाली मीटिग में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी के बीच गर्मजोज़ी देखी गई है।
यह मीटिग तुर्कमानिस्तान की राजधानी इश्कआबाद में हुई जिसमें कैस्पियन सी के किनारे बसे पाँच देशों के नेता शामिल हुए।
इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कैस्पियन सी पर बसे पाँचों देशों से सी की सुरक्षा और आपसी सहयोग से प्रगति के रास्ते पर चलने का आह्वान किया।
इस पूरी बैठक में जिस चीज़ ने मीडिया का ध्यान सबसे अधिक आकर्शित किया है वह है पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति रईसी के बीच देखी गई अभूतपूर्व गर्मजोशी है। पुतिन ने जहां दूसरे देशों के नेताओं के साथ हाथ मिलाया, वही इब्राहीम रईसी से गले भी मिले।
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बहुत से विश्लेषक पुतिन के इस व्यवहार को अमरीकी राष्ट्रपति के प्रस्तावित सऊदी अरब यात्रा से जोड़कर देख रहे हैं, और उनका कहना है कि जिस प्रकार अमरीका सऊदी अरब को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है वैसे ही यूक्रेन युद्ध के बाद ईरान जो कि क्षेत्र की महाशक्ति है और रूस के बीच एक गठबंधन देखने के मिल सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसा कुछ होता है तो यह अमरीका के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि अगर ईरान, चीन और रूस एक खेमे में अमरीका के विरुद्ध खुल कर आ जाते हैं तो ईरान अपनी स्ट्रैटेजिक स्थिति, चीन अपनी आर्थिक और रूस अपनी सैन्य शक्ति द्वारा अमरीका को नाको चने चबवा सकते हैं।
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विश्लेषकों का मानना है कि इनर्जी संकट से जूझ रहे अमरीका और यूरोप के लिए यह बुरा सपना हो सकता है। रूस पर प्रतिबंध लगाने वाले यूरोपीय देश एनर्जी के लिए ईरान की तरफ़ देख रहे हैं और उन्हें लगता है कि अगर ईरान का परमाणु समझौता हो जाता है तो विश्व बाज़ार में तेल की आवाक बढ़ जाएगी जिससे कीमतों में सुधार होगा।
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बहरहाल ईरान और रूस के बीच बढ़ती नज़दीकी और दोनों देशों के नेताओं का इस प्रकार एक दूसरे से मिलना अमरीका के माथे पर चिंता की लकीरें पैदा कर सकता है