यह पुल क़रीब 1717 करोड़ की लागत से भागलपुर ज़िले के सुल्तानगंज और खगड़िया ज़िले के अगुवानी के बीच बन रहा था। इस हादसे में अब तक पुल पर ड्यूटी कर रहे एक गार्ड के लापता होने की ख़बर आ रही है। इस बीच जनता दल यूनाइटेड के नेता निखिल मंडल ने ट्वीट किया है कि इस पुल को नए सिरे से दोबारा बनाया जाएगा।
पुल बना रही कंपनी को भी नोटिस जारी कर 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है। वहीं बिहार सरकार ने खगड़िया के एक्जीक्यूटीव इंजिनियर को निलंबित कर दिया है।
ख़ास बात यह है कि इस पुल का एक हिस्सा साल 2022 के अप्रैल महीने में भी गिर गया था। उस वक़्त बीजेपी बिहार की सत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साझेदार थी।
उस समय आरजेडी विपक्ष में थी और उसने इस पुल के निर्माण पर सवाल उठाए थे और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. आज बीजेपी विपक्ष में है और ऐसे ही आरोप लगा रही है।
पुल के गिरने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि इसके नुक़सान की भरपाई वो कंपनी करेगी, जो इसका निर्माण कर रही थी।
तेजस्वी यादव ही फ़िलहाल बिहार के सड़क निर्माण विभाग के मंत्री हैं। गंगा नदी पर बन रहे इस पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंन्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी कर रही है। बिहार के अलावा इस कंपनी को भारत के कई राज्यों में भी निर्माण के बड़े प्रोजेक्ट्स मिले हैं।
इनमें गुजरात के वडोदरा में नर्मदा नदी, राजस्थान के डूंगरपुर में माही नदी, ओडिशा के ढेंकनाल में ब्राह्मणी नदी और यूपी के प्रयागराज में गंगा नदी पर बने पुल भी शामिल है।
कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक़ सुल्तानगंज- अगवानी पुल चार लेन का बनाया जा रहा है और आम लोगों के पैदल चलने के लिए इस पर फ़ुटपाथ भी मौजूद होगा। क़रीब 3.6 किलोमीटर लंबे इस पुल के बनने के बाद इलाक़े में नेशनल हाईवे 31 और एनएच 80 आपस में जुड़ जाएँगे।
इस पुल के निर्माण को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर बयानबाज़ी हो रही है। जिसमें बीजेपी सांसद और बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि महागठबंधन की सरकार के दौरान बिहार में बने किसी भी पुल पर सावधानी से चढ़ें।