भारत का महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर साॅफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रयान-3 के लाॅन्चिंग के बाद से ही चंद्रमा की चर्चा चारों तरफ हो रही है। चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद की उस इलाके की कई दिलचस्प तस्वीरें भेजी हैं, जिन्हें कभी किसी ने नहीं देखा है। आज हम आपको चांद से जुड़े कई रहस्यों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे।
ग्रह नहीं है चांद
चांद कोई ग्रह नहीं है, बल्कि एक उपग्रह है। यह धरती की चारों तरफ चक्कर लगाता है। सबसे खास बात यह है कि चंद्रमा धरती का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। इसके साथ ही यह सौरमंडल का पांचवां विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, करीब 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और थीया (मार्स के आकार का तत्व) के बीच भयानक टक्कर हुई थी, जिसके बाद बचे मलबे से चांद का निर्माण हुआ था।
चांद पर घट जाता है वजन
साल 1969 में चांद पर इंसान ने पहली बार कदम रखा था। विज्ञान के मुताबिक, चांद की गुरुवाकर्षण शक्ति धरती से बहुत कम है। इसकी वजह से चांद पर जाने से इंसान का वजन कम हो जाता है। इंसान का वजन वास्तिवक वजन से करीब 16.5 फीसदी तक कम हो जाता है।
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चांद का नींद पर पड़ता है प्रभाव
एक रिसर्च के मुताबिक, चंद्रमा की वजह से धरती पर रहने वाले लोगों की नींद पर असर पड़ता है। इस शोध के मुताबिक, अमावस्या पर लोगों को अच्छी नींद आती है, जबिक पूर्णिमा पर लोग नींद कम ले पाते हैं। लेकिन शोध की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, क्योंकि इस बात को विज्ञान साबित नहीं कर सका है। वैज्ञानिक इसको लेकर रिसर्च कर रहे हैं।
हमेशा के लिए खो जाएगा चांद
वर्तमान समय में सिर्फ अमावस्या के दिन चंद्रमा नहीं दिखाई देता है, लेकिन एक दिन चांद पूरी तरह से छिप जाएगा। इसकी वजह यह है कि हर साल चांद धरती से 3.78 सेंटमीटर दूर जा रहा है।