कई खाड़ी देशों में ईंधन के लिए भुगतान न कर पाने की वजह से पीआईए के विमानों को उड़ने से रोक दिया गया। पीआईए के डायरेक्टर ने कहा है कि अगर इमरजेंसी फ़ंड मुहैया न कराया गया तो इस राष्ट्रीय विमानन सेवा पर किसी भी समय ताला लग सकता है।
वहीं, पीआईए के प्रवक्ता ने कहा है कि एयरलाइन ने बैंकों से कुछ फंड जोड़ा है, लेकिन इससे मदद मिलने में अभी समय लगेगा। बीते सप्ताह ही पीआईए ने ये बताया था कि बोइंग और एयरबस सितंबर के मध्य तक विमानों के कल-पुर्ज़ों की सप्लाई पर रोक लगा सकती है।
कारण ये था कि पाआईए इन कंपनियों को पिछले बकाया का भुगतान नहीं कर पा रही है। पाकिस्तान की मौजूदा सरकार इन पब्लिक सेक्टर कंपनियों के निजीकरण की योजना पहले ही पेश कर चुकी है। हालाँकि, इसको लेकर भी सरकार की आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि पहले से आर्थिक बदहाली से जूझती कंपनियों को कोई भी बिना किसी फ़ायदे के क्यों ख़रीदेगा।
विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने भी एक रिपोर्ट के हवाले से पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन की मौजूदा सरकार पर अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से गुज़र रहा है।
इसी साल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से तीन अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंज़ूरी मिलने के बाद वो डिफॉल्टर होने से बचा है। सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉर्प को क़रीब छह कंपनियों को तुरंत 10 करोड़ डॉलर यानी 830 करोड़ रुपए के आसपास का भुगतान करना है।
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पीआईए वेतन और एयरपोर्ट चार्ज तक का भुगतान नहीं कर पा रही है। पीआईए ने कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दीं। इससे पहले कंपनी ने कम से कम पाँच एयरबस ए320 जेट की उड़ानें रोकी थीं।
जियो न्यूज़ की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये बताया गया है कि विमानन कंपनी पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) को ईंधन आपूर्ति के लिए भुगतान नहीं कर सकी।
इस वजह से कंपनी को कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
इनमें दो कराची-मस्कट (ओमान की राजधानी) की उड़ानें और दो कराची से फ़ैसलाबाद, इस्लामाबाद से लाहौर की उड़ानें शामिल हैं। पीआईए पर कर्ज़ बढ़ने की एक वजह उसके अकाउंट फ़्रीज़ होने को भी बताया जा रहा है।
एआरवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के फे़डरल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू (एफ़बीआर) ने आठ अरब रुपए के टैक्स का भुगतान न किए जाने की वजह से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के 13 बैंक खाते फ़्रीज़ कर दिए थे।
एफ़बीआर ने कहा था कि पीआईए ने अगस्त महीने में ही दो अरब रुपए के बकाया का भुगतान करने का वादा किया था लेकिन वो अपना वादा पूरा नहीं कर सका।अब समझौते के अनुसार, पीआईए को 2.5 अरब रुपए का भुगतान इस महीने करना है।