यमन के एक न्यूज़ पोर्टल क्रिएटर स्काई के रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब यमन के दक्षिणी जल क्षेत्र तक पहुंच प्राप्त करने और उन्हें अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से हद्रामौत, शबवा, अल-मोहरा और अबिन के यमनी प्रांतों को सौंपने का इरादा रखता है। सऊदी अरब ने अपनी इस साज़िश को पूरा करने के लिए लोगों के बीच रेफरेंडम कराने का फैसला किया है ताकि लोग किस देश में रहना है का फैसला कर सकें।
इस न्यूज़ पोर्टल ने अपने सूत्रों के हवाले से सऊदी अरब के कई अधिकारियों द्वारा इस क्षेत्र के वरिष्ठ लोगों के साथ मुलाकात की रिपोर्ट देते हुए लिखाः "सऊदी पक्ष ने बैठक में कहा कि सऊदी अरब के राजा ने ऐसा करने का फैसला किया है और इससे पीछे नहीं हटा जाएगा।"
रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब हिंद महासागर में पूर्व में "सरीफत" से पश्चिम में "शकरा" तट तक समुद्र में एक जलमार्ग बनाने की कोशिश कर रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने अभी तक इस खबर की पुष्टि नहीं की है और सउदी ने भी इस समाचार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यमन में सऊदी अरब और उसके नियंत्रण वाली सेनाओं ने अंसारुल्लाह पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ़ यमनी बलों ने घोषणा की है कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान शुरू हुए वर्तमान युद्धविराम को सऊदी अरब और उसकी सहयोगी सेनाओं द्वारा अब तक 6,000 बार तोड़ा गया है।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब में बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद मानवाधिकार उल्लंघन अपने उच्चतम स्तर तक पहुँच चुका है। एक तरफ़ जहां देश की जनता महंगाई और सुविधाओं की कमी से जूझ रही है वहीं दूसरी तरफ़ क्राउन प्रिंस विदेशों में महंगी पेंटिग्स और फुटबाल क्लब खरीद रहे हैं, और पिछले 8 वर्षों से यमन पर युद्ध थोपे हुए हैं।