सऊदी अरब में प्रवासियों और श्रमिकों की दुर्दशा
मिडिल ईस्ट आई ने सऊदी अरब में प्रवासियों और श्रमिकों की दुर्दशा का खुलासा करते हुए एक रिपोर्ट जारी की।
Table of Contents (Show / Hide)
ब्रिटेश वेबसाइट मिडिल ईस्ट ऑई ने सऊदी अरब में अप्रवासियों पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें खुलासा किया गया है कि सऊदी अधिकारी सऊदी अरब में हजारों लोगों को हिरासत में ले रहे हैं और उन्हें निर्वासित कर रहे हैं।
वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि सऊदी अधिकारियों ने हजारों अफ्रीकी और यमनी प्रवासियों को हिरासत में लेना जारी रखा है, जबकि हिरासत केंद्रों में प्रवासी श्रमिकों के दुरुप्योग और घोर दयनीय स्थितियों को छिपाया जा रहा है।
इथियोपिया के अप्रवासियों ने मिडिल ईस्ट को बताया कि उन्हें सऊदी अरब में कथित तौर पर पीटा गया, उसने जबरन वसूली की गई और गंदे एवं भीड़-भाड़ वाले कमरों में प्रताड़ित किया गया। निरीक्षकों ने टेलीफोन और हर उस उपकरण को जब्त कर लिया है जिसका उपयोग करके उनकी यातना की तस्वीरों को बाहरी दुनिया में प्रसारित किया जा सकता था।
मानवाधिकार सूत्रों ने कहा कि उनके फोन और दूसरे उपकरड़ इसलिए ज़ब्त कर लिए गए ताकि रमज़ान के दौरान इन श्रमिकों की भायवह स्थिति को दुनिया के सामने लाने से रोका जा सके। क्योकि संभावना है कि रमज़ान के पवित्र महीने में इस प्रकार की तस्वीरें सामने आने से इस्लामी दुनिया में सऊदी अरब को आलोचना और आक्रोश का शिकार होना पड़ा सकता है।
प्रवासियों को निर्वासित करने से पहले, सऊदी पुलिस उन्हें उन समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करती है जो उन्हें सऊदी अरब में अपने पिछले अनुभवों के बारे में पत्रकारों से बात करने से रोकते हैं।
रियाद के एक शरणार्थी केंद्र में रखे गए इथियोपियाई अप्रवासी समीर ने कहा, "सऊदी अधिकारियों ने मोबाइल फोन जब्त कर लिया है।" क्योंकि वे नहीं चाहते कि दुनिया सऊदी अरब में हमारी पीड़ा की तस्वीरें देखे और अगर किसी के पास कोई फोन मिलता है तो उसकी डंडों से जबरदस्त पिटाई की जाती है।
हाल के महीनों में विभिन्न आव्रजन निरोध केंद्रों में इथियोपियाई कैदियों की संख्या में वृद्धि हुई है। सऊदी अधिकारियों ने मार्च में इथियोपिया के साथ कम से कम 100,000 इथियोपियाई लोगों को निर्वासित करने पर सहमति व्यक्त की, जिनमें से कई को पिछले साल दमन की लहर के दौरान हिरासत में लिया गया था।
इन केंद्रों में रखे जा रहे इथियोपियाई लोगों ने मिडिल ईस्ट ऑई को बताया कि उन्हें बहुत कम खाना दिया जाता था और महीनों तक अस्वच्छ कमरों में रखा जाता था।
रियाद में एक बंदीग्रह मे रह रहे नबील ने कहा, "भोजन की कमी है और हम में से कई लोग लगभग नौ महीने से बाहर नहीं निकले हैं।"
2020 में एक डिटेंशन सेंटर में एक स्मार्टफोन के माध्यम से लीक की गई तस्वीरों में सैकड़ों कमज़ोर और दुबले पतले अफ्रीकी पुरुषों की फोटो सामने आई थी, जिनमें से कई एक बहुत ही छोटे और गंदे कमरे में बंद थें।
मानवाधिकार समूहों का कहना है कि डिटेशन सेंटरों में विभिन्न बीमारी से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अक्टूबर 2020 में यूरोपीय संसद ने प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार के लिए सऊदी अरब की निंदा की थी।
इन रिपोर्टों के सामने आने के बाद पूरे 2021 में हजारों प्रवासियों को लौटाया गया, जिनमें से कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे।
सऊदी अरब में हिरासत केंद्रों की स्थिति के बारे में अप्रवासियों के बयान अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन और अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के कर्मचारियों द्वारा किए गए आकलन के अनुरूप प्रतीत होते हैं।
आईएईए के पूर्वी अफ्रीका कार्यालय के प्रवक्ता यूं नडेगा ने कहा कि अफ्रीकी प्रवासियों में तपेदिक और त्वचा रोग जैसी संक्रामक बीमारियां आम हैं।
सऊदी अरब में अल-शमीसी रिफ्यूजी सेंटर में एक अप्रवासी अली ने कहा, "हमें यहां सड़ने के लिए छोड़ दिया गया था।" "जब से वे मुझे यहां लाए हैं, मैंने चाड, घाना और सोमालिया के राजनयिकों को अपने नागरिकों से पूछताछ करने के लिए आते देखा है।"
यह भी पढ़े: खगोशी से शीरीन अबू आकेलेह तक,दमनकारी सरकारों द्वारा रिपोर्टर्स की हत्या
उन्होंने कहा, "जहां प्रवासी पिटाई और खराब स्वास्थ्य से पीड़ित हैं, वहीं सऊदी अधिकारियों ने हाल के महीनों में कैदियों के परिवारों से पैसे वसूलना शुरू कर दिया है।"
अली ने कहा: "हर हफ्ते, गार्ड बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर सामान लाकर हमें बेचते हैं, और इस तरह वे बहुत पैसा कमाते हैं।"
सऊदी अरब में श्रमिकों की यह दयनीय स्थिति केवल उन कैदियों की नहीं है जो हाल मे ही इस देश पहुँचे हैं, बल्कि वह बहुत से श्रमिक जो वर्षों से इस देश में काम कर रहे थे लेकिन कुछ समस्याओं के कारण अपने वर्किग लाइसेंस को नहीं बढ़ा सके हैं उनको भी इसी प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार कर लेती है। और वह लोग जो कल तक कानूनी रूप से सऊदी अरब में काम कर रहे थे अब संभव है कि वह जेल में हों।
कथित तौर पर सऊदी अधिकारियों द्वारा व्यापक गिरफ्तारी जारी रही, और अकेले मार्च में, 15,000 शरणार्थियों, जिनमें से लगभग सभी इथियोपियाई और यमनी थे को गिरफ्तार किया गया था।