9 अगस्त, 1947 को नोआखाली जाते हुए महात्मा गांधी कलकत्ता में रुके थे। कलकत्ता में उन दिनों सांप्रदायिक दंगों के कारण मुसलमानों के मन में डर समाया हुआ था। उन्होंने गांधी से अनुरोध किया कि नोआखाली जाने से पहले वो कुछ समय कलकत्ता में बिताएं ताकि शहर को जला रही सांप्रदायिकता की भयानक आग में थोड़ा पानी छिड़का जा सके।
15-08-2022, 13:52