ट्रॉफ़ी से पेट नही भरा तो अब वर्ल्ड कप की लगी है भूख
मैच के बाद हार्दिक पंड्या ने हर्ष भोगले से कहा, "मैं अपना बेस्ट आज के लिए बचा कर रखा था।" वे बोले, "आज जो दिन था, जो सपोर्ट मिला हमें और एक लाख से अधिक लोग आए तो कुछ स्पेशल तो बनता था।"
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गुजरात टाइटंस को पहली बार में ही आईपीएल की ट्रॉफ़ी दिलाने वाले कप्तान हार्दिक पंड्या ने फ़ाइनल मैच में ज़ोरदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया। पहले चार ओवरों में किफायती गेंदबाज़ी की। संजू सैमसन, जॉस बटलर, शेमरॉन हेटमायर के विकेट लिए। फिर बल्ले से 34 रनों की अहम पारी खेली। मैन ऑफ़ द मैच रहे।
ये पूछने पर कि ये कब लगा कि आप गेंद से अच्छा करने वाले हैं। पंड्या ने कहा, "मुझे लगता है कि संजू (सैमसन) को आउट करने के बाद जब मैंने मैच में दूसरी गेंद डाली। मुझे लगा कि अगर गेंद को पिच पर तेज़ मारूं और सीम पर गेंदबाज़ी करूं तो कुछ होने वाला है। तो मैंने वहां से सही लाइन और लेंथ पर गेंद डालने की पूरी कोशिश की। मैंने ये चाहा कि बैटर ख़ुद मेरी गेंद पर रन बनाने का प्रयास करें न कि मैं कुछ कोशिश करने के चक्कर में उन्हें बाउंड्री दे दूं।"
हार्दिक का लक्ष्य क्या है?
इस दौरान उनकी कप्तानी पर चर्चा हुई तो हार्दिक ने कहा कि वो ज़िम्मेदारी लेना पसंद करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि आगे उनका लक्ष्य क्या है?
मैच के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में हार्दिक बोले, "पूरे सीज़न के दौरान मैंने ज़िम्मेदारी लेना पसंद किया। मैं आगे बढ़ कर नेतृत्व करना पसंद करता हूं। ताकि एक उदाहरण पेश कर सकूं। मैं पहले किसी काम को कर के दिखाना पसंद करता हूं ताकि दूसरों को वैसा करने को कह सकूं।"
ये पूछे जाने पर कि उनका लक्ष्य क्या है हार्दिक ने कहा, "निश्चित रूप से मेरा लक्ष्य भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना है। मेरे लिए हमेशा टीम पहले है, मेरा ख़ुद का प्रदर्शन बाद में। इसे 'लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म गोल' कहें मेरा एक ही लक्ष्य है- वर्ल्ड कप जीतना।"
आईपीएल जीतने पर हार्दिक बोले, "आईपीएल जीतना निश्चित रूप से ख़ास रहेगा कि मैंने एक कप्तान के तौर पर इसे जीता है। लेकिन इससे पहले जो चार जीते (मुंबई इंडियंस के लिए) वो जीत भी इसके बराबर ही ख़ास थी। आईपीएल जीतना हमेशा ख़ास रहता है। और मैं ख़ुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि पांच बार फ़ाइनल में आया हूं और पांच बार ट्रॉफ़ी उठाई है।"
"टी20 मैच गेंदबाज़ जीतते हैं"
हार्दिक पंड्या का मानना है कि एक टी20 मैच बल्लेबाज़ से अधिक गेंदबाज़ जीतते हैं। वे टीम में पांच नियमित गेंदबाज़ों को शामिल करने को तरजीह देते हैं।
हार्दिक कहते हैं, "मैं और आशु पा (आशीष नेहरा) हमेशा उन पांच गेंदबाज़ों के साथ खेलना चाहते हैं जो मैच जीत सकते हैं। बल्लेबाज़ निश्चित रूप से आगे बढ़कर जब भी हमें ज़रूरत हो, हम अपने हाथ खड़े करें तो ये कहें कि 'हां हम हैं।' (जीत दिलाने वाला किरदार निभाएं)। टी20 मैच बल्लेबाज़ों का है लेकिन अधिकतर मैंने ये देखा है कि मैच गेंदबाज़ जीतते हैं।"
हार्दिक ने कहा, "जो मेहनत हमने इतने महीनों की है उसका आज फल मिला। मैंने हमेशा माना है कि टी20 मैच गेंदबाज़ों का गेम होता है। अगर आप देखने जाओ तो हमेशा बॉलर्स आपको मैच जिताते हैं क्योंकि जब आपके पास गन बॉलिंग लाइन अप हो तो।।। जैसे हमारे पास अच्छी गेंदबाज़ी थी, हमने हमेशा 10 रन कम दिए हैं। जहां लोगों ने 190 खाए हैं वहां हमने अपनी गेंदबाज़ी से ये तय किया कि 10 रन कम बनें। वो 10 रन बड़े पिक्चर में बहुत मायने रखते हैं क्योंकि उसकी वजह से ही आप मैच हारते या जीत जाते हैं।"
"तो मैंने और आशू पा (आशीष नेहरा) ने जब ये सब शुरू किया था तो तय किया था कि बड़ी मजबूत बॉलिंग यूनिट तैयार हो। अगर कोई भी परिस्थिति हो, अगर बल्लेबाज़ नहीं भी चले एक बार तो आप अपनी गेंदबाज़ी से मैच में वापस आ सकते हैं। वो फ़ैसला पूरे टूर्नामेंट में बहुत मायने रखा।"
नंबर-4 पर बैंटिंग करने पर क्या बोले पंड्या?
जब पंड्या से पूछा गया कि वो ख़ुद को ऊपर ला कर नंबर चार पर बैंटिंग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि, "मैंने हमेशा ख़ुद को एक बल्लेबाज़ के रूप में देखा है। मेरे लिए बल्लेबाज़ी पहले आती है। ये हमेशा से मेरे दिल के बेहद क़रीब है।"
"तो ज़ाहिर तौर पर प्लेयर्स ऑक्शन के समय ही ये स्पष्ट था कि मुझे मैच को एक दिशा देने के लिए ऊपर बल्लेबाज़ी करनी होगी। मैं इस तरह की स्थिति में पहले भी रहा हूं तो मुझे लगा कि अपनी टीम के लिए नंबर-4 पर बैटिंग करना मेरे लिए सबसे सही रहेगा। ताकि अन्य बल्लेबाज़ आकर अपना नैचुरल गेम खेल सकें।"