वहीं दूसरी तरफ़ एक बहस यह छिड़ गई है कि बिन सलमान के नेतृत्व में सऊदी अरब जिस प्रकार के कार्यक्रम कर रहा है और जिस दिशा में आगे जा रहा है उससे यह संकेत मिलता है कि बिन सलमान सऊदी अरब के ऊपर से इस्लामी देश का टैग हटा देना चाहते हैं।
सऊदी अरब में मिडिल बीस्ट के नाम से एक फ़ेस्टिवल का आयोजन किया गया जिसमें नग्नता को बढ़ावा देने के इशारे साफ़ नज़र आते हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि सऊदी अरब के सोशल मीडिया यूज़र्स ने ट्वीटर और अन्य प्लेटफ़ार्म्ज़ पर जमकर ग़ुस्सा निकाला है।
इस फ़ेस्टिवल के बहुत सारे वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं जिनमें सऊदी लड़कियां अर्ध नग्न हालत में डांस करती दिखाई देती हैं। एक वीडियो में समलैंगिकता को बढ़ावा देने वाले दृष्य हैं तो एक वीडियो में सैक्शुअल हरासमेंट की दृष्य हैं।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो शेयर होने के बाद सऊदी यूज़र्स ने बड़ी तीखी टिप्पणियां की हैं। कुछ ने तो साफ़ साफ़ लिखा है कि सऊदी नेतृत्व अब देश से इस्लामी देश का टैग हटा देने की दिशा में जा रहा है।
सऊदी अरब में वर्ष 2019 से संगीत इवेंट का आयोजन शुरू हुआ है जिसकर जमकर प्रचार किया जाता है मगर इस कार्यक्रम में जिस तरह नैतिकता की धज्जियां उड़ाई जाती हैं वो सऊदी अरब जैसे समाज के लिए बर्दाश्त के बाहर की चीज़ है।
सऊदी अरब में कुछ गलियारों का कहना है कि बिन सलमान यह हरकतें करके दरअस्ल जनता को एसी हालत में पहुंचा देना चाहते हैं जहां वो राजनीति और तानाशाही जैसे विषयों के बारे में सोचना ही छोड़ दे।