याद रहे कि हमास के हमले में 1,400 से ज्यादा इसराइली मारे गए थे, जबकि इसराइल के जवाबी हमले में अब तक 8,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। हालाँकि, इसराइल में कानूनी रूप से हथियारों और शूटिंग रेंजों लेने के लिए असामान्य रूप से भीड़ होती है।
इसराइल सरकार ने बंदूक कानूनों में ढील देने की घोषणा की है। उसने कहा है कि बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोग भी बंदूकें रखने के पात्र होंगे। इस कानून के तहत अब किसी को भी 50 की जगह 100 गोलियां रखने की इजाजत होगी।
यरूशलम के ठीक बाहर किबुत्ज़ के 41 साल के वकील ओमरी श्नाइडर कहते हैं, "अब जब उन्होंने सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं, तो बंदूक लेना आसान हो गया है।
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लेकिन क्या इसराइल में रहने वाले फ़लस्तीनियों को मिलेगा हथियार
इसराइल के अरब नागरिक, जिनमें से कई खुद को फ़लस्तीनी के रूप में पहचानते हैं, उनको आम तौर पर इसराइली सरकार की अनिवार्य सैन्य भर्ती से छूट दी गई है। इस प्रशिक्षण के बिना उनके लिए बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करना बहुत मुश्किल है।
ओमरी श्नाइडर कहते है कि "मुझे डर है कि जब इसराइली आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे तो हमारी और हमारे बेटों की जान जा सकती है। इसलिए नहीं कि मैंने कुछ गलत किया है, बल्कि इसलिए कि मैं एक अरब हूं। यदि मेरे पड़ोस में यहूदियों को बंदूकें रखने का अधिकार है, तो क्या मुझे या दोनों पक्षों को बंदूकें नहीं रखनी चाहिए?''
हमास के आक्रमण के बाद से, इसराइल के मिश्रित आबादी वाले शहर, जो कभी स्थानीय पर्यटकों के लिए आकर्षक थे, अब वीरान हो गए हैं। लुड रेस्तरां के मालिक अबू अमीर कहते हैं, ''मेरे 60 प्रतिशत से अधिक ग्राहक यहूदी थे।
''लेकिन अब वे आते नहीं, कोई आता नहीं, कोई बुलाता नहीं अरब यहूदी इलाकों में जाने से डरते हैं और यहूदी अरब इलाकों में जाने से डरते हैं।'