विवेक अग्निहोत्री द कश्मीर फ़ाइल्स को यूट्यूब पर रिलीज़ क्यों नहीं कर देते: केजरीवाल
'कह रहे हैं कश्मीर फाइल्स टैक्स फ्री करो, अरे यूट्यूब पर डाल दो फ्री फ्री हो जाएगी. टैक्स फ्री क्यों करा रहे हो, इतना ही तुमको शौक है तो विवेक अग्निहोत्री को कह दो यूट्यूब पर डाल देगा, सभी लोग एक ही दिन के अंदर फ़िल्म को देख लेंगे.'
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये बात विधानसभा में बहस के दौरान कही है. केजरीवाल विवेक अग्नीहोत्री की विवादित फ़िल्म 'द कश्मीर फ़ाइल्स' को दिल्ली में टैक्स फ़्री करने की मांग पर जवाब दे रहे थे.
कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी 'द कश्मीर फ़ाइल्स' बॉक्स ऑफ़िस पर ऐतिहासिक कमाई कर रही है. फ़िल्म ने अब तक दो सौ करोड़ रुपए से अधिक कमा लिए हैं.
दिल्ली की विधानसभा में बोलते हुए केजरीवाल ने कहा, "कश्मीरी पंडितों के नाम पर कुछ लोग करोड़ों-करोड़ों रुपए कमा रहे हैं और तुम लोगों को पोस्टर लगाने का काम दे दिया. आंखें खोलो कि तुम लोग कर क्या रहे हो. वो कश्मीरी पंडितों के नाम पर करोड़ों कमा गया और तुम पोस्टर लगाते रह गए."
बीजेपी शासित कई राज्यों ने फ़िल्म को टैक्स फ्री किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस फ़िल्म को देखा है और सराहा है. इसके अलावा उन्होंने आम लोगों से फ़िल्म को देखने की अपील भी की है.
इस पर टिप्पणी करते हुए और सदन में बीजेपी नेताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, "हम आपसे झूठी फ़िल्मों के पोस्टर नहीं लगवाएंगे. जो भी करना हो, कम से कम यार ये फ़िल्मों का प्रोमोशन तो करना बंद करो, आप राजनीति में कुछ करने आए थे, कहां झूठी फ़िल्मों के पोस्टर लगा रहे हो."
फ़िल्म में 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा और फिर वहां से हुए पलायन को दिखाया गया है. फ़िल्म के समर्थकों का कहना है कि ये फ़िल्म कश्मीरी पंडितों के पलायन की सच्चाई को पेश करती है जबकि इसके आलोचकों का तर्क है कि फ़िल्म बेहद हिंसक है और ये घटनाओं का एक ही पक्ष दिखाती है.
आरोप ये भी है कि ये फ़िल्म इकतरफ़ा नैरेटिव पेश करती है और मुसलमानों की गलत छवि पेश करती है. तेलंगाना हाई कोर्ट में फ़िल्म के कुछ दृश्यों को हटाने की मांग करते हुए याचिका भी दायर की गई थी जिसे ख़ारिज कर दिया गया है.
कई हिंदूवादी संगठनों ने भी इस फ़िल्म को देखने का आह्वान किया है. हाल ही में हरियाणा के एक नेता ने फ़िल्म की फ्री स्क्रीनिंग की घोषणा की थी लेकिन विवेक अग्निहोत्री ने इसका विरोध किया था.
हरियाणा के रेवाड़ी में एक स्थानीय बीजेपी नेता ने एलईडी स्क्रीन पर फ़िल्म को फ़्री दिखाने की घोषणा की थी. इसके बाद विवेक अग्निहोत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ट्वीट करते हुए लिखा था, "खुले में फ्री में फ़िल्म स्क्रीन करना एक अपराध है. मैं खट्टर जी से इस रोकने की अपील करता हूं."
अग्निहोत्री ने कहा था, "राजनीतिक नेताओं को रचनात्मक कारोबार का सम्मान करना चाहिए सच्चे राष्ट्रवाद और सामाजिक सेवा का मतलब ये है कि टिकट लेकर क़ानूनी तरीके से फ़िल्म देखी जाए."
यही नहीं देश के कई हिस्सों में फ़िल्म की फ्री स्क्रीनिंग की जा रही है. कई जगह सिनेमाघर बुक करके लोगों को फ़िल्म दिखाई गई है.
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए विवेक अग्नीहोत्री ने कहा है कि ये याचिका असदउद्दीन ओवैसी ने अपने कार्यकर्ताओं के जरिए डलवाई थी जो नाकाम हो गई है.
एक टीवी चैनल से बात करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने कहा, "आज जब सच सामने आकर खड़ा हो गया है, जो पीड़ित हैं वो सामने आ गए हैं, तो वो जवाब नहीं दे पा रहे हैं." फ़िल्म की रिकॉर्डतोड़ कमाई के बाद सोशल मीडिया पर फ़िल्म से हुई कमाई का एक हिस्सा उन घटनाओं से प्रभावित लोगों को देने की मांग भी उठ रही है.
इसी बीच विवेक अग्निहोत्री ने दावा किया है कि दो लोग उनकी अनुपस्थिति में उनके दफ़्तर में घुस आए थे. अग्निहोत्री ने दावा किया कि उन लोगों ने उनके मैनेजर के साथ बदतमीज़ी भी की.
बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि फ़िल्म की रिलीज़ के बाद से उन्हें धमकियां मिली हैं. उन्होंने दावा किया कि हाल ही में दो लोग हमारे दफ़्तर में घुस आए थे.
उन्होंने कहा कि उस समय वो और उनकी पत्नी वहां मौजूद नहीं थे. उन्होंने कहा, "मैंने इस घटना के बारे में बात नहीं की थी क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ऐसे तत्वों को पब्लिसिटी मिले."
फ़िल्म पर जितनी चर्चा हुई है उतना ही विवाद भी हो रहा है. इसी बीच फ़िल्म के निर्माता विवेक अग्निहोत्री को केंद्र सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा भी दी है.