इंग्लैंड के द ओवल में खेले गए आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार के बाद भारत के फ़ैंस में ग़ुस्सा है। ऑस्ट्रेलिया के सामने भारतीय बल्लेबाज़ी धराशाई हो गई और टीम ये मुक़ाबला 209 रन से हार गई।
भावनात्मक अभिव्यक्ति के इस समय में कई फ़ैंस ऐसे भी हैं, जो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के उस दौर को याद कर रहे हैं, जब टीम लगातार आईसीसी टूर्नामेंटों में जीत रही थी।
ऐसे ही एक फैन ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी को याद किया और उनकी दिल खोलकर तारीफ़ की। लेकिन ऐसा लगता है कि भारतीय टीम के स्पिनर गेंदबाज़ रहे हरभजन सिंह को ये तारीफ़ इस हार से संदर्भ में उचित नहीं लगी।
धोनी के प्रशंसक के ट्वीट का जवाब देते हुए हरभजन सिंह ने याद दिलाया कि क्रिकेट एक टीम स्पोर्ट्स है।
धोनी के प्रशंसक ने ट्विटर पर लिखा था, “ना कोच, ना मेंटर, युवा खिलाड़ी, अधिकतर वरिष्ठ खिलाड़ियों ने खेलने से ही मना कर दिया था। इस मैच से पहले कभी किसी मैच की कप्तानी नहीं की इस लड़के ने ऑस्ट्रेलिया को उसके प्राइमटाइम में सेमीफ़ाइनल में हराया और कप्तान बनने के 48 दिनों के भीतर टी-20 वर्ल्ड कप जीत लिया।
इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए हरभजन सिंह ने लिखा, “हाँ, जब ये मैच खेले जा रहे थे तब ये युवा लड़का भारत के लिए अकेला खेल रहा था। बाक़ी दस तो खेल ही नहीं रहे थे।
इसलिए अकेले ही इसने क्रिकेट वर्ल्ड कप ट्रॉफ़ियां जीतीं बिडंबना ये है कि जब ऑस्ट्रेलिया या कोई दूसरा देश वर्ल्ड कप या कोई और ट्रॉफी जीतता है तो हेडलाइन होती है।ऑस्ट्रेलिया जीता, देश जीता आदि लेकिन जब भारत जीतता है तब कहा जाता है कि कप्तान जीता ये एक टीम स्पोर्ट्स है यहां साथ में हारते हैं और साथ में जीतते हैं।
वहीं इसके जवाब में एक अन्य यूज़र ने एक तस्वीर के साथ आंकड़े पोस्ट करते हुए लिखा, “आईसीसी फ़ाइनल मुक़ाबलों में भारत ने धोनी की कप्तानी में चार खेले और तीन जीते। बाक़ी सभी कप्तानों ने मिलकर सात फ़ाइनल मुक़ाबले खेले और सिर्फ़ एक जीता।