निकहत जरीन बनी विश्व चैंपियन, पीएम मोदी ने दी बधाई
मुक्केबाज़ निकहत जरीन के विश्व चैंपिंयन में स्वर्ण पदक जीतने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको बधाई दी है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मुक्केबाज निकहत जरीन को महिला विश्व चैम्पियनशिप फ्लायवेट (52 किलो) वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।
जरीन ने तुर्की के इस्तांबुल नगर में महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि हमारे मुक्केबाजों ने हमें गौरवान्वित किया है। निकहत जरीन को स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई। उन्होंने आगे लिखा कि मैं मनीषा मोन और परवीन हुड्डा को भी कांस्य पदक जीतने पर बधाई देता हूं।’’
तेलंगाना की मुक्केबाज जरीन ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान प्रतिद्वंद्वियों पर दबदबा बनाए रखा और फाइनल में थाईलैंड की खिलाड़ी को सर्वसम्मत फैसले में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 से हराया। इस जीत के साथ 2019 एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं।
भारत का चार साल में इस प्रतियोगिता में यह पहला स्वर्ण पदक है। पिछला स्वर्ण पदक मैरीकोम ने 2018 में जीता था।
पच्चीस साल की जरीन ने दमदार मुक्के बरसाते हुए जुटामस पर दबदबा बनाया। जुटामस ने बेहतर शुरुआत की लेकिन जरीन ने जल्द ही वापसी करते हुए अपना पलड़ा भारी कर दिया। पहले दौर में कड़ी टक्कर देखने को मिली लेकिन जरीन के मुक्के अधिक दमदार और दर्शनीय थे।
भारतीय मुक्केबाज ने पहला दौर आसानी से जीता लेकिन जुटामस ने दूसरे दौर में मजबूत वापसी की। थाईलैंड की मुक्केबाज ने जरीन को अपने से दूर रखने में सफलता हासिल की और दूसरा दौर खंडित फैसले में जीता। दोनों मुक्केबाजों के बीच अधिक अंतर नहीं था और ऐसे में स्ट्रैंथ और स्टेमिना अहम साबित हुआ। जरीन ने दाएं हाथ से दमदार मुक्के बरसाते हुए अंतिम दौर में मुकाबला अपने पक्ष में मोड़ दिया।
विजेता की घोषणा होने के बाद जरीन अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। वह खुशी में कूदने लगी और अपने आंसू नहीं रोक पाई।
जुटामस के खिलाफ यह जरीन की दूसरी जीत है। भारतीय मुक्केबाज ने इससे पहले थाईलैंड की मुक्केबाज को 2019 में थाईलैंड ओपन में भी हराया था।
हैदराबाद की मुक्केबाज जरीन इस साल बेहतरीन फॉर्म में रही हैं। वह फरवरी में प्रतिष्ठित स्ट्रेंजा मेमोरियल में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं थी। जरीन के स्वर्ण पदक के अलावा मनीषा मोन (57 किग्रा) और पदार्पण कर रही परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते।
टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था। भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं। मैरीकोम ने 2018 में भारत के लिए पिछला स्वर्ण पदक जीता था।
महिला विश्व चैंपियनशिप में अब भारत के नाम 39 पदक हो गए हैं जिसमें 10 स्वर्ण, आठ रजत और 21 कांस्य पदक शामिल हैं।