स्थानीय सूत्र बताते हैं कि हमलावर ने उन्हें पेशावर हाई कोर्ट बार की इमारत में निशाना बनाया। हमलावर को घटनास्थल से गिरफ़तार कर लिया गया है।
हमले के बाद लतीफ़ आफ़रीदी को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
लेडी रीडिंग अस्पताल के प्रवक्ता मुहम्मद आसिम के अनुसार लतीफ़ आफ़रीदी को मुर्दा हालत में अस्पताल लगाया गया था।
2020 में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने एडवोकेट अब्दुल्लतीफ़ आफ़रीदी को अपना अध्यक्ष चुना था। वो आसेमा जहांगीर ग्रुप के उम्मीदवार थे लेकिन क़द्दावर हस्ती होने के नाते उन्हें अपोज़ीशन संगठन का भी समर्थन हासिल था।
लतीफ़ आफ़रीदी उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने 70 के दशक के बाद देश में जितने भी मार्शल ला लगे और फिर विपक्षी दलों के जितने भी आंदोलन चले उन सब में वे हर बार जेल गए।
पहले सैनिक राष्ट्रपति अय्यूब ख़ां के दौर में उन्हें छात्र नेता की हैसियत से हथकड़ियां लगाई गईं। पूर्व डिक्टेटर ज़ियाउल हक़ के दौरा में वे राजनैतिक कार्यकर्ता के तौर पर पांच बार जेल गई।
2007 में परवेज़ मुशर्रफ़ की ओर से लगाए गए अपातकाल का भी उन्होंने विरोध किया। 6 अकतूबर 2007 को वे ख़ैबर पख़तून ख्वा असेंबली के गेट पर जब वो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तो बक्तरबंदी गाड़ी ने उन्हें कुचल दिया और उनकी एक टांग टूट गई। इसके बाद से वे छड़ी के सहारे अदालतों में पेश होते थे।