फिलिस्तीनी सूत्रों का कहना है कि गाजा के आसपास की बस्तियों पर आज के रॉकेट हमले गाज़ा पट्टी के विभिन्न क्षेत्रों पर ज़ायोनी शासन की सेना द्वारा आज के हमलों के जवाब में हैं। इन हमलों का इजरायल के पिछले हमलों से कोई लेना-देना नहीं है।
हम ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलिस्तीन की तरफ़ से यह हमले गाज़ा पट्टी पर इजरायल के ड्रोन हमलों का जवाब थे।
इजरायल की सेना प्रतिरोधी गुटों को उकसा रहे हैं ताकि वह हमले करें और इस प्रकार इजरायली सेना को प्रतिक्रिया देने का मौक़ा मिल सके, लेकिन फिलिस्तीनी गुटों की समय पर की गई कार्यवाही से उनको यह मौका न मिल सका।
तथ्य यह है कि गाजा पर हवाई हमले के तुरंत बाद प्रतिरोध ने प्रतिक्रिया चरण में प्रवेश किया और इस बात पर जोर दिया कि इसका पिछले दिन के अपराध से कोई लेना-देना नहीं था, और इस प्रकार इजरायल को यह संदेश दिया है कि अभी उसके पुराने अपराधों का हिसाब नहीं हुआ है।
गाज़ा की तरफ़ से कुल मिलाकर, बस्तियों पर केवल 20 रॉकेट दागे गए। रॉकेटों की यह सीमित संख्या न तो इजरायल के अपराधों का जबाव है और न ही प्रतिरोध की शक्ति के अनुरूप। यह रॉकेट एक प्रकार से केवल संदेश था कि ज़ायोनी शासन जिस प्रकार से भी मुकबाले में आना चाहता है प्रतिरोध उसके लिए तैयार है। अभी अस्ली बदला लेने में समय है।
ऐसा प्रतीत होता है कि इस संघर्ष में सूडान भी कूद पड़ा है। सूडान के बेनामी हैकर समूह ने कहा है कि उसने कब्जे वाले क्षेत्रों में मिसाइल हमले की चेतावनी प्रणाली को निशाना बनाया है।