बुधवार को जो बाइडन की इसराइल यात्रा में बहुत बड़ी चीज़ें दांव पर लगी हुई हैं। वो जब ये यात्रा कर रहे हैं तो मध्य-पूर्व में हालात काफ़ी गंभीर हैं। खासकर ग़ज़ा के अस्पताल पर हुए हमले के बाद इस क्षेत्र में हालात कभी भी तेज़ी से बदल सकते हैं। इस घटना में 500 लोग मारे गए हैं।
हमास का कहना है कि अस्पताल पर इसराइल ने एयर स्ट्राइक की है, लेकिन इसराइल कह रहा है कि इस हमले में उनका कोई हाथ नहीं है। अमेरिका ने कहा है कि इसराइल ने अस्पताल पर हमला करने के आरोप को पूरी तरह ख़ारिज किया है।
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अरब नेताओं ने रद्द की जॉर्डन की बैठक
योजना ये थी कि पहले बाइडन इसराइल जाएंगे, पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू से मिलेंगे और फिर जॉर्डन में अरब देश के नेताओं से मुलाकात करेंगे। लेकिन बाइडन के उड़ान भरने से ठीक पहले पता चला कि जॉर्डन के अम्मान में होने वाली अरब नेताओं की मुलाक़ात हमले के बाद रद्द कर दी गई है। बाइडन इसराइल के बाद जॉर्डन जाते।
अब जब जॉर्डन, मिस्र और फ़लस्तीनी प्राधिकरण के नेता ने बाइडन के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी है, तो ये ऐसा है जैसे जो बाइडन के मुंह पर अरब के नेतओं ने कह दिया हो कि उन्हें अमेरिका की मध्यस्थता करने की क्षमता पर भरोसा ही नहीं रहा। ये जो बाइडन के लिए शर्मिंदगी से कम नहीं है।
ये बात छिपी नहीं है कि जब इसराइल और हमास के बीच युद्ध की बात आती है तो अमेरिका किसके साथ खड़ा है। सात अक्टूबर को इसराइल के हमास पर हुए हमले को अमेरिका ने ‘बेहद बर्बर और दुष्टतापूर्ण’ बताया था।
बाइडन का जल्दबाज़ी में तैयार किया गया ये दौरा अमेरिका का इसराइल के प्रति एकजुटता दिखाने की कोशिश है। अमेरिका ने इसराइल को सार्वजनिक रूप से "युद्ध के नियमों" के अनुसार कार्रवाई करने को कहा है लेकिन बंद दरवाजे के पीछे संदेश और अधिक कठोर हो सकता है।
उन्होंने कहा था, “युद्ध नियमों का पालन हमारी और इसराइल की बात का आधार रहा है।