फ़िलिस्तीनी समूहों के हथियारों से क्यों डरता है इज़रायल?
गाजा पर इजरायल के जमीनी हमले की शुरुआत में, हमास की सैन्य शाखा अल-कसम बटालियन की एक एंटी-टैंक मिसाइल ने एक इजरायली बख्तरबंद गाड़ी को निशाना बनाया, जिससे अंदर मौजूद सभी सैनिक मारे गए।
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31 अक्टूबर को उत्तरी गाजा में हुए इस हमले ने जमीनी युद्ध में इजरायली सेना को एक विनाशकारी झटका दिया और हमास की प्रगति के स्तर को भी दिखाया, जो दर्जनों उन्नत टैंकों को नष्ट कर सकता है, जिनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग चार मिलियन डॉलर है।
इससे पहले तक इजरायली सेना जब भी फिलिस्तीनियों पर हमला करती थी थो उसको को पत्थरों और मोलोटोव कॉकटेल का सामना करना पड़ा था, और अब लेजर-निर्देशित मिसाइलों और एंटी-टैंक रॉकेट जैसे हथियारों का सामना करना पड़ा है।
एक सैन्य विश्लेषक ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि हमास खुद को पूरी तरह से हथियारों से लैस कर रहा है।
सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायली टैंकों के साथ जमीनी संघर्ष के दौरान, हमास ने अपने कुछ सबसे उन्नत हथियारों का अनावरण किया: बड़ी संख्या में रॉकेट लॉन्चर और एंटी-टैंक मिसाइलें, जिनमें से अधिकांश घरेलू स्तर पर निर्मित हैं। इराक, लीबिया, सीरिया और सूडान में युद्धों के कारण पिछले दशक में अन्य रॉकेटों को भी सुरंगों के माध्यम से गाजा पट्टी तक पहुंचाया गया है। इन विभिन्न प्रकार के हथियारों को गाजा के अंदर भूमिगत कारखानों में किया जाता है।
विश्लेषकों का कहना है कि इजरायल हमास के हथियारों पर कड़ी नज़र रख रहा है। आधुनिक बंदूकें, हमलावर ड्रोन, छोटी पनडुब्बियां, बारूदी सुरंगें, एंटी टैंक मिसाइलें, लंबी दूरी की मिसाइलें, पैराग्लाइडर, आरपीजी और चुंबकीय बम। हमास वर्तमान में उत्तरी इज़रायल को लेबनानी सीमा के पास हाइफ़ा तक और दक्षिण में लाल सागर पर इलियट तक निशाना बना सकता है।
इजरायली सेना में फिलिस्तीनी मामलों के पूर्व प्रमुख और तेल अवीव में दयान सेंटर के एक प्रमुख विश्लेषक माइकल मेलस्टीन कहते हैं: अल-कसम बटालियन, जिनकी संख्या लगभग 30,000 या उससे अधिक है, पूरी तरह से सशस्त्र हैं और इस हद तक अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं कि वे कई राष्ट्रीय सेनाओं के स्तर पर हैं।
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उन्होंने कहा, इन हथियारों के बारे में सबसे बड़ा मुद्दा उनकी संख्या के बारे में है। इज़राइल एक ऐसे हमास का सामना कर रहा है जो पहले से कहीं अधिक मजबूत है।
संयुक्त राज्य अमेरिका से मानवीय सहायता के लिए बढ़ती कॉल और क्षेत्रीय समूहों से हिंसा को व्यापक रूप से समाप्त करने के आह्वान के बावजूद, इज़रायल अपने आक्रमण को रोकना नहीं चाहता है। इस शासन के टैंकों ने उत्तरी गाजा में कई अस्पतालों को घेर लिया और चिकित्सा केंद्रों को निशाना बनाया है।
इज़रायल आर्मी रेडियो ने घोषणा की कि इस शासन के टैंकों ने कई अस्पतालों को घेर लिया है और उन्हें खाली करना चाहते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन अस्पतालों में सैकड़ों मरीजों की मौजूदगी के कारण उन्हें बाहर निकालना असंभव है।
इसरायल की ख़ुफ़िया एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी एवी मिलामिद कहते हैं: गाजा में हमारी स्थिति बहुत कठिन है और हम पूरी तरह से सशस्त्र दुश्मन का सामना कर रहे हैं।
इस बीच, वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि हमास द्वारा बड़ी संख्या में एंटी-टैंक इकाइयों की तैनाती इजरायली बलों के लिए चिंता का विषय है। इस हद तक कि इजरायली सेना उन्हें हवाई और ज़मीनी हमला करके नष्ट करने के लिए अपनी पूरी खफिया ताकत के इन लक्ष्यों की पहचान के लिए लगा दिया है।
हर कुछ दिनों में इसरायली सेना का सूचना कार्यालय हमास नेताओं को मारने का दावा करता है, लेकिन हमास इसकी पुष्टि नहीं करता है। गाजा से इजरायली शहरों तक प्रतिरोध और रॉकेट दागना बंद नहीं हुआ है। हालाँकि, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि गाजा में यह युद्ध 2009, 2012, 2014 और 2021 के युद्धों की तुलना में अधिक तीव्र है।
इज़रायली हमलों में 12,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएँ और बच्चे हैं। इज़राइल के खिलाफ फिलिस्तीनी प्रतिरोध द्वारा अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन में 1,400 इजरायली भी मारे गए हैं।
वाशिंगटन में इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के एक शोधकर्ता बेहनाम बेन तालीब्लो कहते हैं: मई 2021 में हमास और इजरायल के बीच युद्ध में, हमास की एंटी-टैंक मिसाइल टीम ऐसे हमले करने में सक्षम थी जिसमें दर्जनों इजरायली सैनिक मारे गए जिसमें कई उच्च स्तर के सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। इससे पता चला कि ये मिसाइलें ड्रोन की तुलना में अधिक व्यावहारिक हैं। हमास के ड्रोन और मिसाइलों को रोक दिया गया है, लेकिन उनकी एंटी-टैंक शक्ति क्षेत्र में घुसने और हमलों को अंजाम देने में सक्षम है।
टैलिब्लो कहते हैं: ये हथियार युद्ध परिदृश्य में सबसे उन्नत इजरायली सेना की गतिशीलता को भी जटिल बना सकते हैं। साथ ही जैसे-जैसे इजरायली सेना गाजा में आगे बढ़ेगी, हमास टैंक-विरोधी हथियारों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे।
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इजरायली विश्लेषकों का कहना है कि पिछले एक दशक में, मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से सुरंगों के माध्यम से और राफा क्रॉसिंग से गुजरने वाले ट्रकों के माध्यम से कई एंटी-टैंक हथियार गाजा पट्टी तक पहुंचाए गए हैं। हमास के कुछ टैंक रोधी हथियार गाजा पट्टी के अंदर निर्मित होते हैं जैसे टेंडेम 85 वारहेड।
अल-कसम बटालियन ने बंदूकधारियों द्वारा इजरायली वाहनों पर रॉकेट और मोर्टार दागने की तस्वीरें जारी की हैं। कई वीडियो में कुछ मामलों में विस्फोट दिखाई दे रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमलों ने वाहनों को नष्ट कर दिया या क्षतिग्रस्त कर दिया।
इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के रयान ब्रॉबस्ट ने कहा: इज़रायल ने इस हथियार के खिलाफ एक रक्षा प्रणाली विकसित की है, जिसे एक्टिव सपोर्ट ट्रॉफी सिस्टम कहा जाता है। यह प्रणाली रडार का उपयोग करके काम करती है, लेकिन जिस तरह आयरन डोम प्रणाली इजराइल पर दागे गए कई रॉकेटों से नहीं निपट सकती, उसी तरह इस प्रणाली को भी नजदीक से बड़ी संख्या में रॉकेट दागकर हराया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा: अमेरिकी सेना ने 2019 में अब्राम्स टैंकों के लिए यह प्रणाली प्राप्त की और इसे यूरोप में तैनात किया।
इज़राइली विश्लेषक योशुआ कालिस्की कहते हैं: 1967 में इज़रायल और अरबों के बीच युद्ध में, सिनाई में इस शासन ने छह दिनों में मिस्र की सेना को केवल अपनी तीन डिवीजनों का उपयोग करके हरा दिया था। लेकिन अब इस शासन की सेना लगभग एक महीने उसी मात्रा में बल का प्रयोग कर रही है लेकिन परिणाण वह नहीं मिल सका है।