ग़ज़ा में कुछ स्कूलों को अस्थाई अस्पतालों की शक्ल दी गयी
6 नवंबर को, शिक्षा मंत्रालय ने गाजा पट्टी में 625,000 स्कूली बच्चों के लिए 2023-2024 स्कूल वर्ष को निलंबित कर दिया, क्योंकि 7 अक्टूबर को शुरू हुआ इज़राइल का आक्रमण लगातार जारी रहा।
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हमले में14 हज़ार से ज़्यादा फ़लस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। जिसमें अधिक से अधिक बच्चे हैं। और ना जाने कितने युवा मलबे के नीचे लापता हैं। कम से कम 15 लाख फ़िलिस्तीनी विस्थापित हो गए हैं, और हज़ारों लोग स्कूलों में शरण ले रहे हैं।
ग़ज़ा के बहुत से स्कूलों को चलता फिरता अस्पताल बना दिया गया है। और हज़ारों लोग स्कूलों में शरण ले रहे हैं।
युद्ध के आरंभ होने के बाद ग़ज़ा में 36,000 लोग घायल हुए हैं। ग़ज़ा में हमास संचालित प्रशासन का कहना है कि इनमें दो तिहाई बच्चे और महिलाएं हैं।
लेकिन पूरी ग़ज़ा पट्टी में सीमित संख्या में ही अस्पताल काम कर रहे हैं क्योंकि बहुत सी जगहों पर बमबारी हुई है। साथ ही बिजली और ईंधन की कमी के कारण भी अस्पतालों का काम बाधित है।
इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने माना है कि इसराइल आम लोगों की मौतों की संख्या कम नहीं कर पा रहा है। लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि इसकी वजह हमास की ओर से आम नागरिकों को ढाल बनाना है।
यूएनआरडब्ल्यू फ़लस्तीनियों शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है। इस एजेंसी का कहना है कि ग़ज़ा में 10 लाख 70 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं। एजेंसी का कहना है कि वो इनमें से 10 लाख को शरण दे रही है।
सात अक्तूबर के हमले के बाद इसराइल ने ग़ज़ा के साथ सारी बॉर्डर क्रॉसिंग बंद कर दी हैं। इसकी वजह से ग़ज़ा में भोजन, पानी, ईंधन और दवाएं नहीं आ पा रही हैं।
बिना बिजली और जेनरेटर के अस्पताल, पानी के पंप और सेनिटेशन सेवाएं ठप हो गई हैं। बेकरीज़ भी लगभग बंद ही पड़ी हैं।
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इसराइल ने ग़ज़ा में नवंबर तक किसी भी किस्म के ईंधन की सप्लाई बंद कर दी है। उसका तर्क है कि हमास इसका इस्तेमाल उसके ख़िलाफ़ कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों का कहना है कि 22 लाख लोगों को मूलभूत चीज़ों की आपूर्ति रोकना आपत्तिजनक है। एजेंसियां बार-बार इस आपूर्ति को बहाल करने की गुज़ारिश करती रही हैं।
इसराइल ने 20 अक्टूबर और 21 नवंबर के बीच ग़ज़ा में 1,399 ट्रकों को प्रवेश करने दिया है। युद्ध से पहले एक महीने में औसत 10,000 ट्रक ग़ज़ा में सामान लेकर आते थे।
अब हुए युद्धविराम के पहले चार दिनों में प्रतिदिन 200 ट्रक ग़जा में आए हैं. इन ट्रकों में ईंधन के अलावा दवाएं और कुकिंग गैस लाई गई है। ये सारे ट्रक मिस्र के साथ ग़ज़ा की बॉर्डर क्रॉसिंग रफ़ाह के रास्ते आ रहे हैं।
रफ़ाह क्रॉसिंग एकमात्र बॉर्डर पोस्ट है जहां से लोगों और सामान की नियंत्रित आवाजाही होने दी जा रही है। ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई अन्य देशों के नागरिक भी गज़ा की जंग में फंसे हुए थे।
इन्हें भी इसी रास्ते से बाहर जाने दिया जा रहा है। इसके अलावा कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को भी बाहर जाने दिया जा रहा है। लेकिन मिस्र आवाजाही पर बेहद सख़्त नियंत्रण रख रहा है।
याद रहे कि सात अक्टूबर को हमास की ओर से इसराइल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुई जंग में अब तक 14 हज़ार से ज़्यादा फ़लस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। वहीं इसराइल के भी क़रीब 1200 लोग मारे गए हैं।