कहां दफ़्न हैं सैंटा क्लॉस और कहाँ है उनकी क़ब्र?
हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिस्मस डे मनाया जाता है। क्रिस्मस का दिन बच्चों के लिए बहुत खास होता है। क्रिस्मस डे को यीशू मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं।
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मेव और जो कॉनेल परिवार के घर में सेंट निकोलस चर्च टावर के खंडहर मौजूद हैं। 13वीं सदी के इस खंडहर में क़ब्रिस्तान भी है जो हरे घास के मैदान और पहाड़ियों के बीच है।
इस क़ब्रिस्तान में दफ़्न अधिकतर लोग इस जागीर के शुरुआती निवासियों में हैं और स्थानीय लोगों के मुताबिक़ इन लोगों में मायरा के सेंट निकोलस भी हैं।
जी बिलकुल आपने सही समझा वही सेंट निक जिनको सैंटा क्लॉस का किरदार गढ़ने वाला माना जाता है और ऐसा भी कहा जाता है कि दान करने की खूबी के कारण उन्हें ही सैंटा क्लॉस माना जाता था।
आज ओ कॉनेल जोरपॉइंट पार्क के इकलौते मालिक और यहां रहने वाले अकेले शख़्स हैं। 120 एकड़ में फैला 12वीं सदी का यह मध्यकालीन शहर आयरलैंड के किलकेनी शहर से दक्षिण में 20 किलोमीटर दूर है।
ये जगह नोर और लिटिल एरिंगल नदी के क्रॉसिंग पॉइंट पर बसा है और ऐसा माना जाता है कि इस इलाक़े को नोरमंस ने आबाद किया था जो साल 1160 में आयरलैंड आए थे।
कैसा था शहर और कहां ग़ायब हुए लोग
आयरलैंड की हेरिटेज काउंसिल ने एक संरक्षण योजना के मुताबिक़, इस शहर को 15वीं सदी में और निखारा गया। पुरातात्त्विक साक्ष्य बताते हैं कि इस दौरान घर, बाज़ार, एक टावर, एक पुल, गलियां, एक मिल, वाटर मैनेजमेंट सिस्टम और क़रीब में ही जेरपॉइंट एबी बनाया गया। ये जेरपॉइंट एबी आज भी वहीं खड़ा है।
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लेकिन 17वीं सदी में इस शहर के लोग ग़ायब हो गया। अनुमान है कि हिंसक हमलों या महामारी की वजह से लोग यहां से चले गए।
तो फिर ऐसा कैसे हुआ कि सेंट निकोलस की क़ब्रगाह बताए जाने वाला ये शहर एक भूतिया शहर से निजी संपत्ति में बदला और फिर इसको लेकर काफ़ी रहस्य बन गए। हालांकि ओ कॉनेल समेत स्थानीय बुद्धिजीवी इसको लेकर अधिकतर जानकारी दे सकते हैं।
इस संपत्ति को दिखाते समय मेव और टिम ने हमें बताया कि यहां हमेशा से प्रसिद्ध शख़्सियत (सेंट निक) मौजूद थे। उन्होंने चर्च के क़ब्रिस्तान में हमें एक पत्थर पर बनी आकृति को दिखाया। इस आकृति में सेंट निक सामने की ओर देख रहे हैं और ये उनके दानशील स्वभाव को दिखाता है।
असल में इसे दान के संकेत के तौर पर देखा जा सकता है और माना जाता है कि सैंटा क्लॉस, क्रिस क्रिंगल, फ़ादर क्रिसमस और सेंट निक जैसे एक ही नाम के शख़्स थे जो गिफ़्ट देते थे।
हालांकि धार्मिक आस्था के तौर पर ये भी माना जाता है कि सैंटा क्लॉस जीवित हैं और जो लोग उन्हें मानते हैं वो उनके दिल में जीवित है। लेकिन जिस शख़्स ने इस ऐतिहासिक चरित्र को प्रेरित किया वो मायरा के ही सेंट निकोलस थे।
संत बनने से पहले निकोलस एक अनाथ बच्चे थे जो प्राचीन रोम के पतारा शहर में पैदा हुए थे। वेटिकन न्यूज़ के मुताबिक़, उन्होंने अपनी पूरी विरासत ज़रूरतमंदों, बीमारों और ग़रीबों को दान कर दी थी।
इसके बाद वो मायरा के बिशप बन गए जो अब आधुनिक तुर्की का हिस्सा है। वो बिशप साल 325 में उसी काउंसिल ऑफ़ नाइसिया में बने थे जिसमें ईसा मसीह को ईश् वर का पुत्र घोषित किया गया था।
सेंट निकोलस की मौत कब हुई
सेंट निकोलस की मौत 6 दिसंबर 343 में मायरा में हुई। हालांकि आज भी सेंट निकोलस की क़ब्र कहां है इसको लेकर विद्वानों के बीच गुत्थी उलझी हुई है।
कुछ लोगों का मानना है कि तुर्की के अंतालया के सेंट निकोलस चर्च के अंदर उनका मकबरा है। वहीं कुछ का दावा है कि उनके शव को चुरा लिया गया था और इटली के बरी में उसे दफ़नाया गया था। ऐसा माना जाता है कि शव को इटली के बासिलिका दी सैन निकोला के चर्च के तहख़ाने में दफ़नाया गया था।
वहीं कुछ यह भी कहते हैं कि सेंट निक के शव से उनकी चीज़ें छीनकर या तो बेच दी गई थीं या तो लोगों को तोहफ़े में दे दी गई थीं।