समाचार सूत्रों ने बताया कि आज सुबह (रविवार), एरबिल में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया गया।
एरबिल में इजरायली जासूसी केंद्रों को कल रात लगभग 1.20 मिनट पर मिसाइलों द्वारा निशाना बनाया गया था। बताते चलें की यह वही समय है कि जब दो वर्ष पहले अमरीका ने तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश के बाद बगदाद एयरपोर्ट के बाहर आईआरजीसी कमांडर जनरल सुलैमानी की हत्या कर दी थी। बाद में इजरायल ने स्वीकार किया था कि इस हत्या में इजरायल ने अमरीका की सहायता की थी।
प्राप्त समाचार के अनुसार इस हमले में अब तक कम से कम 7 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
इराकी समाचार संस्थान ने लिखा, "कई विस्फोटों के बाद एरबिल के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।"
इराकी मीडिया में शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, "12 मिसाइलों ने एरबिल में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद बेस के ठिकानों पर हमला किया।"
कुछ सूत्रों का कहना है कि दागे गए रॉकेट का प्रकार 122 मिमी सेल्सियस था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है: " हमले के बाद इराकी कुर्दिस्तान के एरबिल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर खतरे का अलार्म बजता रहा और इराक में सभी अमेरिकी सैन्य ठिकाने पूरी तरह से अलर्ट पर हैं।"
कुछ अन्य स्रोतों ने बताया: "14, 122 मिमी रॉकेट ने एरबिल हवाई अड्डे के पास एक सैन्य अड्डे पर हमला किया।
इराकी मीडिया ने यह भी बताया कि हमले के बाद बगदाद में अमेरिकी दूतावास के द्वार बंद कर दिए गए थे और इराक में मौजूद सभी अमरीकी सैनिको को हाई एलर्ट पर रखा गया है।
एरबिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के महानिदेशक ने रुडॉ को बताया कि रात के मिसाइल हमले से कोई भी उड़ान प्रभावित नहीं हुई और सभी उड़ानें अपने निर्धारित समय से चल रही हैं।
इराकी मीडिया ने कहा, "हमले के समय, उत्तरी इराक में एरबिल में स्थित अमेरिकी पैट्रियट 2 और 3 मिसाइल रक्षा प्रणालियां काम नहीं कर रही थीं।"