भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय दोहरे संकट से जूझ रही है। कोविड महामारी का असर कम होने के बाद, बुरी तरह लड़खड़ाई देश की अर्थव्यवस्था के संभलने की उम्मीद थी। लेकिन महंगाई और तेजी से गिरते रुपये ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम और मुश्किल कर दिया है।
दूसरी ओर डॉलर की तुलना में रुपए में तेज़ गिरावट जारी है। डॉलर की तुलना में रुपया गिर कर 80 के स्तर के पार कर गया। डॉलर महंगा होने से भारत का आयात और महंगा होता जा रहा है और इससे घरेलू बाजार में चीजों के दाम भी बढ़ रहे हैं।
यूं तो दुनिया भर में हाल के दिनों में महंगाई बढ़ी है। इसकी अहम वजह कोविड की वजह से सप्लाई के मोर्चे पर दिक्कत से लेकर हाल में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से तेल और खाद्य वस्तुओं के दाम में इजाफा है।
लेकिन भारत में कोविड से बुरी तरह लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को संभलने की राह में यह बड़ी चुनौती बन गई है। कोविड की वजह से भारतीयों की आय में कमी को देखते हुए यह आम लोगों को पहले से ज्यादा तकलीफ दे रही है।