वित्तमंत्री ने कहा कि इसमें से सबसे ज्यादा 1.07 लाख करोड़ रुपये की राशि 59 मामलों में बिक्री पेशकश के जरिये जुटाई गई है, इसके बाद एक्सचेंज ट्रेडेड फंड द्वारा 10 क़िस्तों में हिस्सेदारी बिक्री कुल मिलाकर 98 हज़ार 949 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
पिछले आठ साल में एयर इंडिया समेत 10 कंपनियों में रणनीतिक बिक्री से सरकारी ख़जाने को 69 हज़ार 412 करोड़ रुपये मिले जबकि 45 मामलों में शेयर पुर्नखरीद से 45 हज़ार 104 करोड़ रुपये मिले।
रणनीतिक बिक्री के लिए वर्ष 2014-15 से 17 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सूचीबद्ध हुए, जिनसे 50 हज़ार 386 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
सरकार को इसमें से केवल बीमा कंपनी एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम से 20 हज़ार 516 करोड़ रुपये मिले।
भारतीय वित्तमंत्रालय ने कहा कि नई लिस्टिंग के जरिये 7.31 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बाजार पूंजीकरण हासिल किया गया।
सरकार की ओर से कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान कोविड महामारी के चलते आर्थिक और बाज़ार माहौल में गंभीर अनिश्चितताएं रहीं, वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनाव ने विनिवेश प्रक्रिया, चल रहे सौदों को संपन्न करने और नए सौंदों की शुरुआत करने को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है।
ज्ञात रहे कि भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के अपने बजट भाषण में कहा था कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल लिमिटेड, पवन हंस, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड सहित कई विनिवेश कार्यक्रम 2021-22 में पूरे हो जाएंगे।