हालांकि अभी पाइपलाइन से पेट्रोल की आपूर्ति में कुछ समय लगेगा लेकिन अगर योजना के मुताबिक़ काम आगे बढ़ता है तो अगले साल जनवरी से इसके चालू होने की संभावना है।
अभी तक नेपाल में पाइपलाइन से सिर्फ डीज़ल की आपूर्ति हो रही थी। आपूर्ति शुरू होने के बाद नेपाल में डीज़ल की क़ीमतों में दो रुपये प्रति लीटर तक की कमी आई थी।
दक्षिण एशिया की पहली अंतरराष्ट्रीय पाइपलाइन
भारत में बिहार के मोतिहारी से नेपाल में अमलेखगंज तक डीज़ल की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बनी थी। इसका काम अगस्त 2018 को चालू किया गया था।
हालांकि दक्षिण एशिया में इस पहली अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम पाइपलाइन से कोवल डीज़ल की आपूर्ति हो रही थी, पेट्रोल की नहीं।
नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन के एक अधिकारी ने कहा कि अमलेखगंज में पेट्रोल के "भंडारण की क्षमता" के लिए ढांचा पूरी तरह से न होने के कारण ही ऐसा नहीं हो पा रहा था।
हालांकि, उन्होंने कहा, "पाइपलाइन निर्माण के दूसरे चरण में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ साझेदारी में ऐसे भंडारण केंद्रों का निर्माण कार्य अब ज़ोंरों से हो रहा है।
ये अंतरराष्ट्रीय पाइपलाइन नेपाल और भारत के साझा निवेश से बनाई गई है और इसे 70 किलोमीटर और बढ़ाकर चितवन के लोथर तक ले जाने की योजना है। वर्तमान में निर्मित पाइपलाइन की कुल लंबाई 69.2 किलोमीटर है जिसमें से 36.2 किलोमीटर हिस्सा नेपाल में पड़ता है।
पाइपलाइन से आपूर्ति का फ़ायदा
अधिकारियों के मुताबिक़, पाइपलाइन का काम पहले पूरा हो सकता था लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें कुछ देरी हुई है।
उपाध्याय ने कहा, "पाइपलाइन सामान लाने-ले जाने का आधुनिक साधन है. इससे न केवल परिवहन आसान होगा बल्कि तेज़ और अधिक विश्वसनीय भी होगा। पाइपलाइन से टैंकरों के परिवहन से होने वाले पर्यावरण को होने वाले नुक़सान को कम किया जा सकेगा और रास्ते में चोरी और मिलावट भी कम होगी।
उनके मुताबिक़, "फिलहाल काठमांडू तक पेट्रोल पहुंचाने में 6.72 नेपाली रुपये प्रति लीटर का खर्च आता है। पाइपलाइन से आपूर्ति से यह खर्च क़रीब साढ़े चार रुपए तक आएगा।