एयर इंडिया फ्लाइट में बेशर्मी की हद पार, महिला पर पेशाब करना पड़ा भारी
महिला शिकायतकर्ता ने मार्च में एक जनहित याचिका दायर कर बताया था कि वह शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए विवश हैं, क्योंकि घटना के बाद एयर इंडिया और डीजीसीए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहे।
फ्लाइट के बिजनेस क्लास में नशे की हालत में महिला पर पेशाब करना पड़ा भारी
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एयर इंडिया के विमान में पेशाब करने के मामले में बुजुर्ग महिला शिकायतकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और डीजीसीए को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं से निपटने के उद्देश्य से मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के लिए डीजीसीए, एयरलाइंस को निर्देश देने के अनुरोध वाली महिला की याचिका पर विचार करने के लिए सहमति जताई। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से मदद मांगी और मानक संचालन प्रक्रिया बनाने के अनुरोध वाली 72 वर्षीय महिला की याचिका को गर्मियों की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
महिला शिकायतकर्ता ने मार्च में एक जनहित याचिका दायर कर बताया था कि वह शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए विवश हैं, क्योंकि घटना के बाद एयर इंडिया और डीजीसीए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहे। 31 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान में महिला सह-यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत दी थी। ट्रायल कोर्ट ने शंकर मिश्रा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी थी।
कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल था कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे, किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे या किसी भी तरह से उनसे संपर्क नहीं करेंगे। शंकर मिश्रा को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने और जांच अधिकारी या संबंधित अदालत द्वारा बुलाए जाने पर जांच और मुकदमे में शामिल होने के लिए भी कहा गया था। उसे छह जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। उसने कथित तौर पर पिछले साल 26 नवंबर को एयर इंडिया की फ्लाइट की बिजनेस क्लास में नशे की हालत में महिला पर पेशाब किया था।
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एयर इंडिया के विमान में पेशाब करने के मामले में बुजुर्ग महिला शिकायतकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और डीजीसीए को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं से निपटने के उद्देश्य से मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के लिए डीजीसीए, एयरलाइंस को निर्देश देने के अनुरोध वाली महिला की याचिका पर विचार करने के लिए सहमति जताई। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से मदद मांगी और मानक संचालन प्रक्रिया बनाने के अनुरोध वाली 72 वर्षीय महिला की याचिका को गर्मियों की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
महिला शिकायतकर्ता ने मार्च में एक जनहित याचिका दायर कर बताया था कि वह शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए विवश हैं, क्योंकि घटना के बाद एयर इंडिया और डीजीसीए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहे। 31 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान में महिला सह-यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत दी थी। ट्रायल कोर्ट ने शंकर मिश्रा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी थी।
कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल था कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे, किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे या किसी भी तरह से उनसे संपर्क नहीं करेंगे। शंकर मिश्रा को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने और जांच अधिकारी या संबंधित अदालत द्वारा बुलाए जाने पर जांच और मुकदमे में शामिल होने के लिए भी कहा गया था। उसे छह जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। उसने कथित तौर पर पिछले साल 26 नवंबर को एयर इंडिया की फ्लाइट की बिजनेस क्लास में नशे की हालत में महिला पर पेशाब किया था।
यूट्यूबर मनीष कश्यप को SC की फटकार
यूटयूबर मनीष कश्यप को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत मामला दर्ज किए जाने को लेकर मनीष को राहत नहीं दी है। इसके साथ ही एफआईआर को एकसाथ कराने की याचिका को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोपी मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।
गौरतलब है, बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले के आरोप वाले फर्जी वीडियो कथित रूप से जारी करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया है। कश्यप इस समय तमिलनाडु की मदुरै जेल में बंद है। उसके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं जिनमें तीन बिहार में दर्ज हुई हैं।
प्राथमिकियों को मिलाने की याचिका खारिज
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला ने कश्यप की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। इस दौरान कश्यप को रासुका लगाए जाने के फैसले को किसी उचित न्यायिक मंच पर चुनौती देने की स्वतंत्रता दी। वहीं, उसके खिलाफ सभी 19 प्राथमिकियों को एक साथ करने और उन्हें बिहार हस्तांतरित करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।