भारतीय इतिहास में नवंबर का महीना अनगिनत घटनाओं से भरपूर रहा है। इसी महीने रानी लक्ष्मी बाई, टीपू सुल्तान, जवाहरलाल नेहरू से लेकर कई महान हस्तियों की जयंतियों को मनाया जाता है।
भारतीय इतिहास में नवंबर का महीना अनगिनत घटनाओं से भरपूर रहा है। सन् 1857 की गदर के बाद इसी माह की पहली तारीख को ब्रिटिश साम्राज्ञी ने भारत की सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी से हटा कर स्वयं अपने हाथ में ले ली थी।
इसी नवंबर के महीने रानी लक्ष्मी बाई, टीपू सुल्तान, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद, लाला लाजपत राय, विरसा मुंडा, पंडित मदन मोहन मालवीय, हरिवंश राय बच्चन, इंदिरा गांधी, अमर्त्य सेन एवं इंदिरा गोस्वामी जैसी महान हस्तियों की जयंतियों के कारण उत्सवों से भरपूर रहता है तो इसी महीने लाला लाजपत राय, बिनोवा भावे, बाला साहेब ठाकरे और श्रीनिवास कुमार सिन्हा आदि हस्तियों की पुण्य तिथियां भी मनाई जाती हैं।
इसी महीने सन् 1949 को गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी पर लटकाया गया। वहीं यह महीना देश के सर्वाधिक 9 राज्यों के जन्मोत्सवों के उपलक्ष्य में भी जगमगाता है। इसी महीने की पहली तारीख को तो देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश सहित 9 राज्यों और तीन केन्द्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
इसी माह जन्मे तीन नवीनतम राज्यों में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखण्ड भी शामिल हैं। इसी महीने की 26 तारीख को हमारा संविधान भी अंगीकृत किया गया था। दुर्भाग्य से 1984 के सिख विरोधी दंगे भी इसी माह हुए थे।
नवंबर में ही भारत को मिला अपना संविधान
इसी नवंबर के महीने की 26 तारीख को संविधान सभा द्वारा भारत का संविधान अंगीकृत किया गया था। हमारा संविधान विश्व का सबसे विस्तृत लिखित संविधान है, जिसमें वर्तमान समय में केवल 470 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 25 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद थे, जो 22 भागों में विभाजित थे। इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। नवंबर की 26 तारीख को संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।