हिंदू लोक आस्था का महापर्व छठ आज, यानी 17 नवंबर से शुरू हो गया। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की बहुत अधिक महत्ता है। मान्यता के अनुसार भगवान सूर्यऔर छठी मईया से जो मांगा जाए वो मिल जाता है। नहाय-खाय से शुरू होकर अंतिम दिन उदयमान सूर्य को अर्घ देने के बाद व्रती महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। सभी व्रतों में छठ व्रत को सबसे कठिन माना गया है। वैसे तो छठ का महाप्रसाद खरना के दिन बनने वाले गुड़ के खीर और पूरी को माना जाता है। लेकिन कुछ ऐसे प्रसाद हैं जो भगवान सूर्य को दोनों टाइम अर्घ के लिए कुछ जरूरी हैं।
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छठ पूजा के लिए जरूरी हैं ये 5 प्रसाद
आटे में गुड़ या चीनी मिलाकर बनाया जाने वाला ठेकुआ छठ का सबसे जरूरी प्रसाद माना जाता हैं। बल्कि इसकी पहचान ही छठ से है। छठी मईया को ये प्रसाद सबसे ज्यादा प्रिय होता है। बिहार-झारखण्ड के छठ के ठेकुए की चर्चा भारत सहित धुनिया के कई हिस्सों में होती है। मान्यताओं के अनुसार इसे महाप्रसाद का दर्जा दिया गया है।
केला
छठ पूजा में केले का भी बहुत महत्तव है। अर्घ देने के बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। छठी मईया के साथ-साथ केला भगवान विष्णु को भी अति प्रिय है। खरना, शाम अर्घ और सुबह अर्घ, तीनों टाइम इसे प्रसाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार केला सबसे अधिक शुद्ध और शुभ फल माना जाता है।
नारियल
छठ के प्रसाद में नारियल को रखना भी बहुत जरूरी है। माता रानी के किसी भी रूप की पूजा में नारियल का विशेष महत्तव है। टेस्ट और महत्तव बढ़ाने के लिए ठेकुआ में भी नारियल डाला जा सकता है। अर्घ के समय पानी वाले नारियल का इस्तेमाल किया जाता है।
डाभ नींबू
गागर नींबू डाभ नींबू या बड़ा नींबू एक ऐसा फल हैं जिसकी जरूरत सिर्फ छठ के समय ही सबसे ज्यादा बढ़ जाती है। शास्त्रों में इसे सबसे पवित्र और शुभ फल माना गया है। छठ मईया को इस नींबू का भोग अति प्रिय है।
गन्ना
वैसे तो गन्ने का इस्तेमाल चीनी बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन छठी मईया को ये भोग के रूप में अति प्रिय है। माता रानी की विशेष कृपा पाने के लिए गन्ने को प्रसाद में शामिल करना बिल्कुल ना भुलें। फलों की लिस्ट में गन्ना भी ऐड कर लें।