जॉनसन ऐंड जॉनसन महिलाओं के क़रीब 38 हज़ार मुक़दमों का सामना कर रही है, जिसमें उस पर आरोप है कि उसके उत्पाद में एस्बेस्टस है और उसकी वजह से उन महिलाओं को ओवरी कैंसर हो गया।
लेकिन कंपनी ने दोहराया है कि दशकों के शोध से पता चलता है कि उसके उत्पाद उपयोग के लिए सुरक्षित हैं।
इसने एक बयान में कहा, "दुनिया भर में पोर्टफोलियो मूल्यांकन के हिस्से के रूप में हमने बेबी पाउडर को कॉर्नस्टार्च आधारित बनाने का व्यावसायिक फ़ैसला लिया है।"
कंपनी ने ये भी कहा कि कॉर्नस्टार्च पर आधारित पाउडर पहले से ही दुनिया भर के देशों में बेचा जाता है।
डरने की कोई ज़रूरत नहीं
कंपनी ने कहा, "दुनिया भर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने दशकों से अपने स्वतंत्र विश्लेषण में ये पुष्टि की है कि बेबी पाउडर सुरक्षित है और इसमें कोई एस्बेस्टस नहीं है और न ही इससे कैंसर होता है।"
रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया था कि इसके बेबी पाउडर में एस्बेस्टस है
2020 में कंपनी ने घोषणा की कि वो अपने इस उत्पाद को अमेरिका और कनाडा में बेचना बंद कर देगी। कंपनी का कहना है कि वहां कई केस दर्ज किए जाने के बाद ऐसी ग़लत जानकारियों के फैलने से कि ये पाउडर सुरक्षित नहीं है, इसकी मांग में कमी आ गई थी।
हालांकि तब कंपनी ने कहा था कि वो दुनिया के बाकी देशों में इसकी ब्रिक्री जारी रखेगी। जॉनसन एंड जॉनसन पर हज़ारों ग्राहकों ने यह केस दर्ज किया हुआ है कि इसके पाउडर में एस्बेस्टस है जिससे कैंसर होता है।
2018 में न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने एक शोध प्रकाशित की जिसमें यह बताया गया था कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी वर्षों से इस बात को जानती थी कि उसके पाउडर में एस्बेस्टस मौजूद है।
ये पाउडर हाइड्रेटेड मैग्निशियम को मिलाकर बनता है जो धरती में पाई जाने वाली खनिज है और यह एस्बेस्टस के पास वाली परत के क़रीब पाया जाता है। एस्बेस्टस को कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ के रूप में जाना जाता है।
कंपनी के ख़िलाफ़ आए फ़ैसले
रॉयटर्स ने कहा कि कंपनी के अंदरूनी रिकॉर्ड्स, जांच, गवाही और अन्य सबूतों से पता चलता है कि कम से कम 1971 से 2000 के दशक की शुरुआत तक जॉनसन एंड जॉनसन के तैयार पाउडर में कभी-कभी एस्बेस्टस की थोड़ी मात्रा पाई गई थी।
हालांकि कंपनी ने अदालत, मीडिया रिपोर्ट्स और अमेरिकी सांसदों के सामने लगातार इन आरोपों से इनकार किया है।
अक्तूबर में, जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी एक सहायक कंपनी, एलटीएल मैनेजमेंट बनाई और इन दावों से निपटने का काम उसे सौंपा। बाद में इस नई कंपनी को दिवालिया दिखा दिया गया जिससे इस पर चल रहे मुक़दमे रुक गए।
दिवालियापन के लिए फाइल करने से पहले कंपनी के ख़िलाफ़ आए फ़ैसलों से उस पर क़रीब 3।5 बिलियन डॉलर की देनदारी हो गई थी जिसमें एक मामला उन 22 महिलाओं का भी था जिसमें अदालत ने कंपनी को उन महिलाओं को 2 बिलियन डॉलर का हर्ज़ाना देने का निर्णय सुनाया था।
अप्रैल में एक शेयरहोल्डर ये प्रस्ताव लाए था कि कंपनी अपने बेबी पाउडर को दुनिया भर में बेचना बंद कर दे लेकिन तब उनका ये प्रस्ताव असफल हो गया था।
सोर्स बीबीसी