गुजरात में ज़हरीली शराब के सेवन से 19 लोगों की मौत हो गई और कई की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है। गुजरात एक शराबबंदी वाला राज्य है और वहां अवैध शराब के कारोबार पर विपक्ष हमेशा से सवाल उठाता रहता है।
बोटाद में ज़हरीली शराब पीने से क़रीब चार दर्जन लोगों की तबीयत ख़राब हुई थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती लोगों की शाम होने तक मौत की ख़बरें आने लगी। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है। अहमदाबाद में केमिकल का इस्तेमाल कर शराब बनाने वाले मुख्य आरोपी को क्राइम ब्रांच ने गिरफ़्तार कर लिया है। कुछ मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है मुख्य आरोपी ने पूछताछ में बताया कि शराब फैक्ट्री में मेथनॉल की आपूर्ति की जा रही थी। यह केमिकल अहमदाबाद से सीधे सप्लाई किया जाता था। बोटाद, भावनगर और अहमदाबाद के अस्पतालों में ज़हरीली शराब से बीमार लोगों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि गुजरात में शराब की अवैध बिक्री पर 10 साल क़ैद और 5 लाख रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है। राज्य में 1960 से शराबबंदी लागू है और राज्य सरकार ने 2017 में इस क़ानून को और सख़्त कर दिया था। ज़हरीली शराब कांड के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है।
गुजरात कांग्रेस के विधायक अमित चावड़ा ने आरोप लगाया, "अवैध शराब कारोबारी और पुलिस की सांठगांठ और राज्य में भाजपा नेताओं द्वारा प्रदान किए गए संरक्षण के कारण शराब की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है।" उन्होंने यह भी कहा कि "पुलिस नियमित रूप से शराब बेचने वालों से हर महीने रिश्वत लेती है।" वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि शराब पर प्रतिबंध सिर्फ कागजों पर है। उन्होंने कहा कि गुजरात में अगर आप सत्ता में आती है तो वह इस प्रतिबंध को असल में लागू करेगी।
सोर्स : पार्स टूडे