इसके बाद से ही किसानों के जत्थे मंडी समिति में पहुँचने लगे और संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन शुरू हुआ।
लखीमपुर ज़िला प्रशासन की तरफ से इस धरने की कोई औपचारिक अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन राकेश टिकैत और दूसरे प्रभावशाली नेताओं के नेतृत्व में हो रहे इस धरने को शहर मंडी समिति में जगह दी गई और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई।
राकेश टिकैत ने कहा, "जिन चार किसानों की भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में गिरफ्तारी हुई है, उनके मुकदमे भी वापस होने चाहिए।"
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने सभी किसानों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
टिकैत ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि, "प्रशासन हमारा कोई सहयोग नहीं कर रहा है। ना यहाँ पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की व्यवस्था है। उनको देना है पानी तो दे दें वरना हम लेना जानते हैं।"
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तो संयुक्त किसान मोर्चा कितने वक्त में मंत्री अजय मिश्र की बर्खास्तगी और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई चाहता है? इस बारे में राकेश टिकैत कहते हैं, "हमारे हाथ में टाइमलाइन नहीं है। यह सरकार के हाथ में है। हमारा काम है आवाज़ उठाना, प्रदर्शन करना।"
तो इस तीन दिवसीय प्रदर्शन के बाद क्या होगा? राकेश टिकैत कहते हैं कि, "तीन दिन बाद यह घर जायेंगे। यहाँ से गुस्सा लेकर जायेंगे। दूसरे राज्यों में कहीं पर मीटिंग में जाएंगे तो अजय मिश्र टेनी का नाम हमेशा आता रहेगा जब तक वो बर्खास्त नहीं होंगे।"
किसानों की मांगों से जुड़ा हुआ मूवमेंट क्या फिर से तूल पकड़ेगा और क्या इसकी शुरुआत लखीमपुर से होगी? राकेश टिकैत कहते हैं, "तूल पकड़ेगा, लेकिन क्या मालूम कहाँ से पकड़ेगा।"
किसानों की हत्या के मामले में मंत्री अजय मिश्र टेनी की संलिप्तता के बारे में आरोप लगाते राकेश टिकैत कहते हैं, "यह तो सभी जानते हैं कि उन्होंने बयान दिए। हमारे मुताबिक़ वो 120 बी (साज़िश) के मुल्ज़िम हैं।"
जब हमने राकेश टिकैत से पूछा की किसानों की हत्या के मामले में मंत्री अजय मिश्र का नाम कहीं नहीं है तो उन्होंने कहा, "नाम तो दोबारा भी आ सकता है।"