गिरफ़्तारी के बाद उन्हें यूएपीए के तहत जेल में रखा गया और उनके ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिग और आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए।
गुरुवार को लखनऊ की सेशन कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी, जिसके बाद गुरुवार को उन्हें लखनऊ की ज़िला जेल से रिहा कर दिया गया।
पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सभी मामलों में ज़मानत दे दी थी, लेकिन उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ज़मानत नहीं मिल पाई थी और वह जेल से बाहर नहीं आ सके थे।
इसके बाद दिसंबर 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा था कि उनके अकाउंट में पांच हज़ार के ट्रांसफ़र के अलावा किसी तरह का कोई ट्रांसफ़र नहीं हुआ है।
जेल से रिहा होने के बाद जब उनसे उनकी गिरफ़्तारी के बारे में पूछा गयो तो उन्होंने कहा कि हाथरस में एक दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ और उसके शव को बिना उसके परिवार की इजाज़त के जलाया दिया गया था, यह एक बड़ी घटना थी, इसलिए वह उसकी रिपोर्टिंग करने वहां गए थे, जो हर पत्रकार का अधिकार है।