दुनिया में यूएई मनी लॉन्ड्रिंग मकड़जाल के काले तार
संयुक्त अरब अमीरात के मनी लॉन्ड्रिंग के मकड़जाल के कुछ हिस्सों के दुनिया के सामने आने ने दुबई को यूरोपी संघ की तरफ़ से मनी लांड्रिग और वित्तीय प्रतिबंधों की लिस्ट में शामिल होने के दहाने पर खड़ा कर दिया है।
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![दुनिया में यूएई मनी लॉन्ड्रिंग मकड़जाल के काले तार](https://cdn.gtn24.com/files/india/posts/2022-05/mani.webp)
लेखक और विश्लेषकः एडवर्ड विल्सन
एक यूरोपीय अध्ययन ने दुनिया के प्रमुख मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क पर यूएई के रहस्यों और छिपे हुए कोणों और अबू धाबी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के तत्वावधान और प्रबंधन के तहत अंतरराष्ट्रीय फंडिंग प्राप्त करने के रहस्य को उजागर किया है, जिसमें यूएई के नए शासक मोहम्मद बिन जायद और व्यवसायी मंसूर बिन जायद, और अरबपति मंत्री और यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तहनून बिन जायद अल नाहयान का नाम भी शामिल है।
एक प्रसिद्ध शोधकर्ता एंड्रियास क्रेग के अध्ययन के अनुसार, अबू धाबी ने इन लोगों की सेवा के लिए जो नेटवर्क स्थापित किए हैं, उनमें प्रभावशाली विदेशी हस्तियां, व्यवसाय, बैंक, वाशिंगटन में दबाव समूह और यहां तक कि थिंक टैंक भी शामिल हैं। उनमें से कई मंसूर बिन जायद के निजी अंगरक्षक या तहनून के रणनीतिक मामलों के कार्यालय से सीधे संपर्क में हैं।
अध्ययन में कहा गया है, "यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से, पश्चिमी और अमरीकी प्रतिबंधों से बचने के लिए रूस का धन विदेशों में स्थानांतरित हो गया है, और यह स्थानांतरण केवल एक देश संयुक्त अरब अमीरात विशेषकर दुबई की तरफ़ हुआ है। और संयुक्त अरब अमीरात अगरचे क्षेत्र में अमरीका और पश्चिम का मुख्य भागीदार है, लेकिन रूस को अमरीकी प्रतिबंधों से बचने और उनको टायवर्ट करने में यूएई ने किसी भी दूसरे देश से अधिक भूमिका निभाई है।
इस तरह, यूएई मध्य पूर्व में माफिया नेताओं और तानाशाहों के बाद अब रूसी निवेशकों और पूंजीपतियों का केंद्र बन गया है, जिसके बाद यह देश शीर्ष नेताओं के प्रबंधन और संरक्षण में मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा नेटवर्क बन गया है।
उदाहरण के लिए, दुबई मल्टीनेशनल पोर्ट्स एंड फ्री ज़ोन कंपनी, जो जिबूती, अदन और डकार जैसे देशों में बंदरगाहों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे तक पहुंच के लिए रसद सेवाएं प्रदान करती है, निवेशकों को यह सहूलत देती है कि आर्थिक प्रतिबंधों को बायपास करते हुए आर्थिक गतिविधियों को जारी रख सकें।
हालांकि, इन नेटवर्कों की कार्रवाइयां यहीं तक सीमित नहीं हैं। ब्लकि इस नेटवर्क ने कतर के विरुद्ध यूएई और सऊदी अरब के प्रतिबंधों के समय इस देश ने यूरोपीय बैंकों जैसे ब्रुसेल्स के हाफिल्दिंग बैंक में अपने प्रभावों का इस्तेमाल करते हुए दोहा के विरुद्ध एक आर्थिक युद्ध छेड़ने का प्रयत्न किया। साथ ही, इसने दोहा के खिलाफ अपनी नीतियों में ब्रुसेल्स, लंदन और वाशिंगटन को शामिल करने के लिए दबाव के अपने व्यापक नेटवर्क का अधिकतम लाभ उठाया।
हालांकि दुबई अब दुनिया में एक वित्तीय केंद्र के रूप में जाना जाता है, लेकिन वास्तव में, अमीरात वाणिज्यिक और आर्थिक गतिविधियों और अवैध धन और क्लब मेड, संदिग्ध और गंदे पैसे कमाने का केंद्र बन गया है। और यह व्यवस्था यूएई की विदेशी और वाणिज्यिक नीति का अभिन्न अंग बन गया है।
इस क्षेत्र में अनुसंधान से पता चलता है कि पैसा कमाने के लिए यूएई किसी भी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और आर्थिक नियमों और विनियमों की परवाह किए बिना किसी भी व्यक्ति या देश को वित्तीय और मौद्रिक सेवाएं और निवेश के अवसर प्रदान करता है।
यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने मार्च की शुरुआत में फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में देश को FATF इंटरनेशनल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग ग्रुप की "ग्रे कंट्रीज़" सूची में डाल दिया। हालांकि इसकी संभावना नहीं है कि संयुक्त अरब अमीरात सरकार अपनी वित्तीय प्रणाली में सुधार करेगी, क्योंकि वह जानती है कि प्रणाली के किसी भी सुधार का मतलब रणनीतिक हित के क्षेत्रों में प्रभावशाली भागीदारों और ग्राहकों को खोना होगा।
इस संबंध में हालिया खबरों से पता चलता है कि यूरोपीय यूनियन संयुक्त अरब अमीरात को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के समर्थन की काली सूची में डालने का इरादा रखती है। इस संबंध में एक मसौदा योजना यूरोपीय संसद को प्रस्तुत किया गया है और इस बात पर जोर दिया गया कि दुबई में लगभग 800 ऐसी हजार अचल संपत्ति हैं जो किसी न किसी तरह से वित्तीय अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं।
यूएई हाउसिंग मार्केट के 2020 के यूएस थिंक टैंक अध्ययन ने यूरोपीय संघ से यूएई द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने का आह्वान किया।
इस फील्ड अध्ययन से पता चलता है कि दुबई में कई सबसे शानदार विला और अपार्टमेंट के मालिक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर और भ्रष्ट नेता और अन्य देशों के अधिकारी हैं, जिन पर अंतरराष्ट्रीय अदालतों में मुकदमा है।
शोध से पता चलता है कि दुबई में लक्जरी रियल एस्टेट क्षेत्र देश में मनी लॉन्ड्रिंग का एक प्रमुख केंद्र है।
दुबई के रियल एस्टेट बाजार की स्थिति का वर्णन करते हुए, यूरोपीय पीपुल्स पार्टी (ईपीपी) के यूरोपीय संसद के सदस्य मार्कस वर्बर ने यूएई को ब्लैकलिस्ट करने के यूरोपीय संघ के कदम के बारे में कहाः यूएई में इस व्यापक स्तर पर जारी मनी लॉन्ड्रिंग और देश के कमजोर एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध और भ्रष्टाचार के बढ़ने के बारे में चिंताओं को बढ़ाया है।