भारत के केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता फ़ौज़िया खान के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के संबंध में ब्योरा मांगा था और सरकार से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे क़दमों पर प्रकाश डालने का आग्रह किया था।
सरकार द्वारा राज्यसभा में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में महिलाओं के ख़िलाफ अपराध से संबंधित 2 लाख 81 हज़ार 578 केस दर्ज किए गए।
और वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित 3 लाख 32 हज़ार 83 केस रिकॉर्ड किए गए। उनका कहना था कि इस तरह से इन पांच सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 97 लाख 75 हज़ार 595 मामले दर्ज किए गए हैं।
केन्द्रीय मंत्री मिश्रा ने बताया कि आपराधिक क़नून (संशोधन) अधिनियम, 2018 में 2 महीने में बलात्कार के मामलों में जांच पूरी करने और आरोप पत्र दाखिल करने का आदेश दिया गया है और ट्रायल भी 2 महीने में पूरा किया जाना है।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने देश भर में यौन अपराधियों की जांच और ट्रैकिंग की सुविधा के लिए 20 सितम्बर, 2018 को ‘यौन अपराधियों पर राष्ट्रीय डाटाबेस’ लॉन्च किया है।
मिश्रा ने कहा कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय और राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में डीएनए विश्लेषण इकाइयों को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में अत्याधुनिक डीएनए विश्लेषण इकाई की स्थापना शामिल है।